वॉशिंगटन । दुनिया के अनेक देशों की सबसे पंसदीदा जगहों में अमेरिका का स्थान शीर्ष पर है वहीं पिछले दशक में एशियाई मूल के लोगों की संख्या किसी भी अन्य अल्पसंख्यक समूह की तुलना में यहां तेजी से बढ़ी है और 2020 में इनकी संख्या बढ़कर 2.4 करोड़ हो गई। पिछले वर्ष की जनगणना के आधार पर जारी विस्तृत आंकड़ों से यह जानकारी प्राप्त हुई है। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो की तरफ से जारी नए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दशक में अमेरिकी आबादी में बढ़ोतरी अल्पसंख्यक समुदायों के कारण हुई। वर्ष 1776 में देश की स्थापना के बाद पहली बार गोरे अमेरिकी नागरिकों की संख्या में कमी आई है।
गैर हिस्पानवी गोरे लोगों की संख्या अमेरिकी आबादी में सिर्फ 58 फीसदी है और जनगणना जब से शुरू हुई है उसके बाद पहली बार उनकी आबादी 60 फीसदी से कम हुई है। इसके विपरीत जब वर्ष 2000 में जनगणना हुई थी तो गैर हिस्पानवी गोरे लोगों की संख्या आबादी के 69 फीसदी से अधिक थी और 2010 में यह 63.7 फीसदी थी। आंकड़ों से पता चलता है कि दो करोड़ लोगों की पहचान ‘एशियाई’ के तौर पर हुई और 40 लाख अन्य आबादी ऐसे ‘एशियाई’ लोगों की है जो अन्य जातीय समूहों के साथ मिश्रित हैं। इनकी कुल संख्या आबादी का 7.2 फीसदी है।
मीडिया के मुताबिक इस परिणाम से पता चलता है कि एशियाई आबादी अमेरिका में सबसे तेजी से बढ़ता जातीय समूह है। जनगणना ब्यूरो के जनसंख्या शाखा में निदेशक निकोलस जोन्स ने कहा, ‘अमेरिकी आबादी काफी बहुजातीयता वाली है और पिछली बार की जनगणना की तुलना में ज्यादा जातीय एवं नस्ली विविधता है।’ पिछले दशक में अमेरिका की आबादी में कुल बढ़ोतरी 7.4 फीसदी हुई और अब यहां की आबादी 33.1 करोड़ हो गई है। यह वृद्धि दर 1930 के दशक के बाद सबसे धीमी है।