मास्को । दुनिया के हथियारों के बाजार में तेजी से पिछड़ रहे रूस ने अब अमेरिकी बादशाहत को चुनौती देने के लिए अपना सबसे घातक 'सुखोई चेकमेट' फाइटर जेट पेश किया है। पांचवीं पीढ़ी का यह सुखोई चेकमेट लड़ाकू विमान आकाश में अमेरिका के सबसे आधुनिक एफ-35 विमानों को टक्कर देगा। रूस का कहना है कि यह फाइटर जेट दुश्मन के अत्याधुनिक रेडॉर को चकमा देने में सक्षम है और सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भर सकता है। सुखोई चेकमेट की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने माक्स-2021 एयर शो के दौरान इस घातक विमान का जायजा लिया। इस विमान को रूस की चर्चित कंपनी सुखोई ने बनाया है। यही नहीं, रूस ने भारत को भी इस घातक विमान को बेचने का ऑफर दिया है।
रूस ने मास्को में आयोजित चर्चित एयर शो माक्स-2021 में सुखोई चेकमेट फाइटर जेट को पेश किया। इसे हल्का रणनीतिक विमान कहा जा रहा है। रूस ने इस विमान को सुखोई-57 की तकनीक के आधार पर बनाया है। रूस ने इस विमान का निर्माण बहुत तेजी से किया है और इसकी वजह यह रही है कि उसने सुखोई-57 की तकनीक का इस्तेमाल किया। एक इंजन वाला सुखोई चेकमेट विमान अपने अंदर हथियारों को छिपाए रखता है, जिससे उसके रेडॉर पर पकड़े जाने की संभावना नहीं रहती। इसी वजह से इसे पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान कहा जाता है।
इस विमान के पास लगाए गए डिस्प्ले में कहा गया है कि चेकमेट फाइटर जेट में आर-73 एंटी एयर मिसाइल, आर-77 एंटी एयर मिसाइल और केएच-59 एमके एंटी शिप क्रूज मिसाइल लगाई जाएगी। इसका मतलब यह हुआ कि इस विमान को हवा में आधिपत्य हासिल करने और दुश्मन के जमीनी लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है। यही नहीं चेकमेट अपने हथियारों के जखीरे में मिसाइल के आकार के ड्रोन भी ले जा सकेगा। यह अत्याधुनिक विमान 2।2 मैक की स्पीड से 54 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकेगा।
सुखोई चेकमेट फाइटर जेट पांचवी पीढ़ी का विमान है और इसे रेडॉर की मदद से पकड़ना बहुत ही मुश्किल होगा। यही नहीं, यह विमान अपनी इंजन की ताकत और हवाई कलाबाजी में बेजोड़ है। यह सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम होगा। रूस का यह अत्याधुनिक लड़ाकू विमान अमेरिका के एफ-35 विमान को जोरदार टक्कर देगा।
रूसी अधिकारियों ने बताया एक सुखोई चेकमेट फाइटर जेट की कीमत करीब ढाई से तीन करोड़ डॉलर होगी जो हाल ही में भारत के खरीदे गए राफेल से काफी कम होगी। वहीं अमेरिका का एक एफ-35 विमान 8 करोड़ डॉलर में बिक रहा है। इस तरह से, कीमत के मामले में भी सुखोई चेकमेट एफ-35 विमान से बहुत आगे रहेगा। एक इंजन का होने की वजह से यह विमान बहुत ही हल्का होगा। कई विशेषज्ञ इसकी तुलना रूस के मिग-21 विमान से कर रहे हैं। अमेरिका ने मिग-21 को टक्कर देने के लिए अपने एफ-16 विमान का निर्माण किया था। रूसी विमान निर्माता कंपनी सुखोई का कहना है कि चेकमेट विमान का प्रोटोटाइप वर्ष 2023 में उड़ान भरेगा और इसकी आपूर्ति वर्ष 2026 में शुरू हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा इस नए मॉडल को बिना पायलट वाले विमान या दो सीटों वाले लड़ाकू विमान में बदला जा सकता है।
इस मौके पर रूस ने अपने अत्याधुनिक विमान चेकमेट का ऑफर भारत को भी दिया है। इस कार्यक्रम के आधिकारिक वीडियो में दिखाया गया है कि चेकमेट को निर्यात के लिए बनाया है। इस विमान को संयुक्त अरब अमीरात, भारत, वियतनाम और आर्जेंटीन को बेचा जा सकता है। रूस के डेप्युटी पीएम यूरी बोरिसोव ने कहा कि इसे निश्चित रूप से अफ्रीकी देशों, भारत और वियतनाम के लिए बनाया गया है। इस तरह के विमान के लिए मांग बहुत ज्यादा है। हमारा अनुमान है कि आने वाले भविष्य में 300 से ज्यादा फाइटर जेट बेचे जाएंगे।
बता दें कि भारत रूसी हथियारों का बहुत बड़ा खरीदार है। भारत ने रूस की सुखोई और मिग कंपनियों से अब तक कई श्रेणी के फाइटर जेट खरीदे हैं। भारत अभी मिग-21, सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29 लड़ाकू विमान इस्तेमाल कर रहा है। इस विमान की मारक क्षमता करीब 3000 किमी है जिससे यह काफी लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम होगा। रूस ने यह विमान ऐसे समय पर पेश किया है जब भारत 114 फाइटर जेट खरीदने जा रहा है। रूस ने भारत को पहले ही सुखोई-35 और मिग-35 का ऑफर दे रखा है।