नई दिल्ली । पिरामल एंटरप्राइजेज ने कहा है कि डीएचएफएल के लिए उसकी पेशकश 55 हजार से अधिक खुदरा एफडी धारकों के लिए अमेरिका की कंपनी ओकट्री कैपिटल की तुलना में बेहतर है। ओकट्री ने डीएचएफएल के लिए आखिरी दौर की बोली में पिरामल के जैसी ही पेशकश की है। हालांकि ओकट्री का मानना है कि वह पिरामल के 150 करोड़ रुपए की तुलना में एफडी धारकों को 300 करोड़ रुपए अतिरिक्त देगी। पिरामल ने कहा कि ओकट्री द्वारा की गई पेशकश में भुगतान की संरचना बेहद जटिल है। ओकट्री ने उक्त राशि डीएचएफएल की बीमा अनुषंगी की बिक्री से प्राप्त होने वाले धन से देने की बात की है। डीएचएफएल की बीमा अनुषंगी में पहले ही विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत पर है। चूंकि ओकट्री खुद भी एक विदेशी कंपनी है। ऐसे में उसे बीमा अनुषंगी का स्वामित्व रखने या उसे बेचने दोनों में मुश्किलें आने वाली है। पिरामल ने कहा कि इस तरह ओकट्री के द्वारा एफडी धारकों को भुगतान के लिए की गई पेशकश अनिश्चित है। उसने एफडी धारकों को अग्रिम नकदी से 150 करोड़ रुपए अतिरिक्त देने की पेशकश की है।