भिलाई। भिलाई इस्पात
संयंत्र के मॉडेक्स प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए नये पॉवर व ब्लोइंग स्टेशन की कमीशनिंग
सफलतापूर्वक की गई। इसके तहत संचालित विभिन्न उपकरणों को निरंतर प्रचालित कर इसके परफॉरमेंस
की जाँच की गई और इसमें आने वाले विविध समस्याओं और चुनौतियों को हल करते हुए इसे सफलतापूर्वक
स्थापित किया गया। कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के बीच भी सभी बाधाओं पर विजय
पाते हुए इसकी कमीशनिंग को बखूबी अंजाम दिया गया।
उल्लेखनीय है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में प्रोजेक्ट पैकेज-011-01बी के तहत 25 मेगावाट एसटीजी, 4 मेगावाट बैक प्रेशर टर्बो जनरेटर, कूलिंग वाटर पंप हाउस एवं पावर इवैक्यूएशन सिस्टम स्थापित व प्रचालित किया गया है। 31 जुलाई, 2020 को इन सुविधाओं की कमीशनिंग की गई और मॉडेक्स पॉवर एवं ब्लोइंग स्टेशन से नई प्रौद्यागिकी के माध्यम से निरंतर हरित बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इसी प्रकार प्रोजेक्ट पैकेज-011-01ए के तहत बॉयलर्स के 3 नगों में से 2 नग (150 टीपीएच, 40 एटीए क्षमता पर 450 डिग्री) और इसकी सहयोगी प्रणालियों की कमीशनिंग की गई है। इस प्रक्रिया के माध्यम से आवश्यक मात्रा में स्टीम की आपूर्ति करने हेतु 2 नग टर्बो ब्लोअर्स और 25 मेगावॉट एसटीजी इकाई का निरंतर प्रचालन से वांछित मापदंडों के तहत किया जा रहा है, जिससे हॉट शॉप्स एसएमएस-3 एवं ब्लास्ट फर्नेस-8 आदि को स्टीम की आपूर्ति की जा रही है।
बीएसपी में प्रथम बार स्थापित कोक ड्राई कूलिंग सिस्टम की प्रक्रिया के माध्यम से कोक ओवन बैटरी-11 में स्थापित सीडीसीपी बॉयलरों से प्राप्त वेस्ट हीट का उपयोग उन्नत बिजली उत्पादन के लिए किया जा रहा है और इसके तहत जून, 2020 के महीने में 4 मेगावॉट बीपीटीजी संयंत्र की मापित क्षमता पहले ही हासिल की जा चुकी है।
महाप्रबंधक बॉयलर्स एवं डीएम प्लांट संजय निखार के नेतृत्व और महाप्रबंधक टर्बाइन ऑपरेशन वी एस देवांगन के मार्गदर्शन में टरबाइन एवं बॉयलर ऑपरेशन और मेंटेनेंस समूह के समर्पित टीम के सदस्यों ने उपरोक्त समस्या में सुधार करते हुए एक-एक कर इन बाधाओं को समाप्त कर दिया। सीडब्ल्यूपीएच प प नंबर-2 के निर्धारित ओवरहालिंग प्रोटोकॉल अवधि 17 अगस्त, 2020 के स्थान पर इसका ट्रॉयल 14 अगस्त को ही पूर्ण कर लिया गया। साथ ही उसी दिन 25 मेगावाट एसटीजी को भी प्रचालित कर सिंक्रोनाइज किया गया। एचपी कंट्रोल वाल्वों में होने वाले दिक्कतों की वजह से एसटीजी लोड केवल 12 मेगावाट तक सीमित रखी गई। मूल उपकरण निर्माता मेसर्स त्रिवेणी को टेलीफोन पर एसटीजी यूनिट में होने वाली समस्या के बारे में बताया गया और जेनरेटर को बंद किए बिना ही सभी एचपी कंट्रोल वाल्वों की ऑनलाइन सेटिंग कर ठीक किया गया।
मुख्य महाप्रबंधक पॉवर फेसिलिटीज एस एस एस मूर्ति के कुशल मार्गदर्शन व तकनीकी सहयोग से मॉडेक्स पीबीएस के कमीशनिंग को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सका। वर्तमान महामारी कोविड-19 के मद्देनजर भारत सरकार और बीएसपी के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पीबीएस बिरादरी ने इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर को पार करने में सफल हुए। पीबीएस बिरादरी के इस प्रयास की सभी भूरि-भूरि प्रशंसा की।