काबुल । अफगानिस्तान के अधिकांश प्रांतों पर नियंत्रण के बाद तालिबान ने राजधानी काबुल को भी अपने कब्जे में ले लिया जिसके बाद यहां हालात और बुरे हो गए हैं। अफगानिस्तान से निकलने का सिर्फ एक रास्ता काबुल एयरपोर्ट ही बचा है, लेकिन आज वहां गोलीबारी के बाद हालात और खराब गई। फायरिंग के बाद काबुल एयरपोर्ट पर मची भगदड़ में कई लोगों को घायल होने की भी खबर है। फिलहाल अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट को अपने कब्जे में ले लिया है और 6000 सैनिक उतारने की तैयारी में है। वहीं, आज भारत की अध्यक्षता में यूएनएससी की बैठक होने वाली है। फायरिंग के बाद काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल है। लोग जान बचाने के लिए इधर से उधर भाग रहे हैं। इस भगदड़ में कई लोगों के घायल होने की भी खबर है। काबुल एयरपोर्ट से जो वीडियो निकलकर सोशल मीडिया पर आ रहे हैं, उनमें हालात काफी भयावह दिख रहे हैं।
अमेरिका अपने लोगों को अफगानिस्तान से निकालने में लगा हुआ है। काबुल एयरपोर्ट पर हालात को बिगड़ते देख अमेरिका ने एयरपोर्ट को अपने कब्जे में ले लिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया जा रहा है कि काबुल में हामिद करजई हवाई अड्डे को सुरक्षित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। अमेरिका पूरी तरह से एयर ट्रैफिक कंटोल को संभालेगा। सिक्यॉरिटी का विस्तार करते हुए 6000 सैनिक उतारे जा रहे हैं। रेस्क्यू मिशन जारी है। अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात को लेकर आज सुबह 10 बजे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक बैठक होने वाली है। इस बैठक की अध्यक्षता भारत करेगा। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने भी अफगानिस्तान के हालात को लेकर चिंता जताई थी। तालिबान ने बगराम एयरबेस पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। बताया जा रहा है कि इस एयरबेस की सुरक्षा में तैनात अफगान सेना ने तालिबान आतंकियों के सामने सरेंडर कर दिया है। इस एयरबेस पर बड़ी संख्या में कैदी भी रखे गए हैं। कभी यह एयरबेस अफगानिस्तान में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना हुआ करता था।