इस्लामाबाद । अफगानिस्तान में तालिबान आतंकियों की खुलकर मदद कर रहे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अब उल्टे भारत पर अस्थिरता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। कुरैशी ने कहा कि दुश्मन काबुल और इस्लामाबाद के संबंधों को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में सतत शांति को बढ़ावा दे रहा है और दुनिया ने इसे माना है लेकिन भारत इसे बिगाड़ने में लगा हुआ है जो पूरे इलाके की शांति को अस्थिर कर सकती है। कुरैशी ने मुल्तान में कहा कि अफगानिस्तान इस समय कठिन दौर से गुजर रहा है और इस जटिल मौके पर अपने राजदूत को बुलाने का फैसला उचित नहीं है। इससे पहले अफगान राजदूत की बेटी सिलसिला के अपहरण के बाद अफगानिस्तान ने अपने दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया था। करीब पांच घंटे तक सिलसिला को प्रताड़ित किया गया और उनकी हड्डियां तक तोड़ दी गई थीं।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान अफगान राष्ट्रपति से मिलना चाहते थे लेकिन अशरफ घनी के व्यस्त कार्यक्रम की वजह से इसे रद कर दिया गया था। कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि भारत राज्य प्रायोजित आतंकवाद चला रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की मोदी सरकार इजरायली साफ्टवेयर इस्तेमाल करके फोन की जासूसी कर रही है। इससे पहले पाकिस्तान ने कहा था कि वह इमरान खान के फोन की भारत द्वारा जासूसी करने के मुद्दे को उचित मंचों पर उठाएगा। पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री फर्रुख हबीब ने संदेह जताया था कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कार्यकाल में इमरान खान का फोन हैक हुआ था। हबीब ने कहा कि ऐसी आशंका है कि नवाज शरीफ ने भारत के प्रधानमंत्री और अपने 'दोस्त' नरेंद्र मोदी के जरिए इजरायली साफ्टवेयर की मदद से इमरान खान का फोन हैक कराया। हबीब ने कहा कि मोदी सरकार भी एनएसओ ग्रुप के ग्राहकों में शामिल है। उन्होंने फैसलाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'नवाज शरीफ ने मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था और जम्मू कश्मीर के हुर्रियत नेताओं से मुलाकात नहीं की थी। हबीब ने कहा कि देश में यह सवाल उठ रहा है कि क्यों प्रधानमंत्री इमरान खान का फोन हैक किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि नवाज शरीफ का जजों के फोन टैप करने का लंबा इतिहास रहा है।