इस्लामाबाद । अफगानिस्तान के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आपातकालीन बैठक में नहीं बुलाए जाने पर पाकिस्तान ने भारत की आलोचना की है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत अपने राजनीतिक हित साधने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल कर रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि एक बार फिर उसे यूएनएससी की बैठक में बोलने की अनुमति नहीं दी गई।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अफगानिस्तान को लेकर हुई यूएनएससी की बैठक में एक बार फिर पाकिस्तान को बोलने का अवसर नहीं दिया गया। अफगानिस्तान की नियति को लेकर हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में भारत ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया और उसकी शिरकत में व्यवधान डाला। शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि इस बहुपक्षीय मंच का बार-बार राजनीतिकरण करना, अफगानिस्तान और क्षेत्र के लिए उसकी नीयत को प्रदर्शित करता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ में इस बैठक से इतर पाकिस्तान के प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने प्रेस कान्फ्रेंस की। प्रेस कान्फ्रेंस में उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देगा? इसपर मुनीर अकरम ने कहा कि तालिबान ने हमें भरोसा दिया है कि वह सभी लोगों को मिलाकर सरकार बनाएगा। हम आशा करते हैं कि अफगान सरकार में सभी गुटों का प्रतिनिधित्व होगा।
हम तालिबान के साथ काम कर रहे हैं, इसलिए हमने गैर पश्तून अफगान नेताओं को बातचीत के लिए इस्लामाबाद बुलाया है। इन सभी नेताओं ने तालिबान के साथ सहयोग करने पर सहमति भी जताई है। उधर पाकिस्तानी सरकार ने तालिबान में बनने वाली सरकार को अपनी मंजूरी देने के संकेत दिए हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा उनका देश अफगानिस्तान में एक रचनात्मक भूमिका निभाना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि उनका दूतावास वीजा जारी करने समेत कई काम को अब भी जारी रखेगा।