भोपाल । मप्र
उच्च शिक्षा विभाग
के कॉलेजों में
प्रवेश के नए
नियम का विद्यार्थियों
के साथ निजी
कॉलेजों ने भी
विरोध प्रारंभ कर
दिया है। उच्च
शिक्षा विभाग द्वारा जारी
किए गए ताजा
आदेश के मुताबिक
50 फीसद फीस जमा
करने के बाद
ही विद्यार्थियों का
प्रवेश मान्य किया जाएगा।
बीए, बीकॉम, बीएससी
समेत अन्य यूजी
कोर्स की पहली
कॉलेज अलॉटमेंट सूची
आज जारी होगी।
इसके एक दिन
पहले विभाग ने
आदेश निकाला और
कहा कि अलॉटमेंट
के बाद विद्यार्थी
ऑनलाइन फीस भर
सकते हैं मगर
50 फीसद राशि जमा
करना अनिवार्य है।
साथ ही कक्षाएं
लगाने के बाद
विद्यार्थियों को मूल
दस्तावेज कॉलेज में जमा
करने होंगे। बची
हुई फीस वसूलने
के लिए कॉलेजों
पर फैसला छोड़
दिया है। कॉलेज
पहले विद्यार्थियों को
फीस भरने के
लिए तीन से
चार किस्त की
सुविधा देते थे,
लेकिन अब प्रबंधन
के सामने भी
कोई विकल्प नहीं
है। नए नियम
के बाद अब
विद्यार्थी कॉलेजों के चक्कर
लगा रहे हैं।
नए नियम के
मुताबिक फीस भरने
के बाद कॉलेज
शुरू करने की
गाइडलाइन जारी होगी।
कक्षाएं लगाने के बाद
विद्यार्थियों को कॉलेज
में टीसी, माइग्रेशन,
जाति प्रमाण पत्र
और अंकसूची समेत
अन्य दस्तावेज देने
होंगे। इसके लिए
भी विभाग एक
निश्चित तारीख तय करेगा।
दस्तावेज देने के
बाद ही विद्यार्थियों
का प्रवेश नियमित
माना जाएगा। निजी
कॉलेज प्राचार्य संघ
के अध्यक्ष डॉ.
राजीव झालानी और
सचिव डॉ. सचिन
शर्मा का कहना
है कि नया
नियम विद्यार्थियों के
हित में नहीं
है। पहले फीस
सुविधानुसार भरवाई जाती थी।
पिछले साल तक
विद्यार्थियों से महज
25 फीसद फीस लेते
थे। 50 फीसद का
नियम गलत है।