एक देश एक चुनाव: इसे लागू किया जा सकता है बशर्ते...पूर्व चुनाव आयुक्त ने बताया कैसे

Updated on 25-09-2024 12:25 PM
नई दिल्ली: एक देश एक चुनाव... इसको लेकर देश में बहस छिड़ी है। सत्ता पक्ष, विपक्ष और तमाम दूसरे लोग इस पर बहस कर रहे हैं। मोदी कैबिनेट ने हाल ही में वन नेशन-वन इलेक्शन पर कोविंद पैनल की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही एक साथ चुनाव कराने की इच्छा, व्यवहारिकता और कैसे लागू होगा इस पर बहस छिड़ गई है। सबसे पहले तो आपको बता दें कि पिछले पांच सालों में राज्यों की विधानसभाओं के तीस चुनाव हुए हैं, यानी हर साल औसतन छह चुनाव।

हर साल औसतन छह चुनाव होते हैं

यदि हम इसमें 4,000 नगर पालिकाओं के चुनाव और 2.50 लाख से अधिक पंचायतों के त्रिस्तरीय चुनाव जोड़ दें, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि हम हमेशा चुनाव के माहौल में रहते हैं। हमें लोकतंत्र और शासन दोनों की जरूरत है। इस हद तक, यह उद्देश्य निश्चित रूप से सराहनीय है। हालांकि इसे हासिल करने के तरीके पर मतभेद हो सकते हैं।

चुनाव आचार संहिता की अवधि को अभी घटाकर 45 दिनों से कम नहीं किया जा सकता क्योंकि कानून में समय सीमा तय है। यदि हर साल औसतन छह चुनाव होते हैं, तो उन सभी छह राज्यों में विकास कार्य कम से कम 45 दिनों के लिए रुक जाते हैं। संविधान सभा की बहसों के दौरान डॉ. अम्बेडकर ने सुझाव दिया था कि चुनाव आयोग को स्वतंत्र रूप से कर्मचारी नहीं दिए जाने चाहिए, चुनाव के समय सरकार के कर्मचारियों की मदद ले सकता है।

मतदाता सूची को अपडेट करने में करोड़ों खर्च

इस सुझाव के अनुसार चुनाव के वक्त सभी बूथ स्तर के अधिकारी, मतदान और मतगणना कर्मचारी, पर्यवेक्षक और फील्ड स्टाफ, जो केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी होते हैं, उन्हें उनके विभागों से चुनाव के लिए भेज दिया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि 1966 में, क्योंकि उस दौरान कोई भी मध्यावधि चुनाव नहीं हुआ था, चुनाव आयोग इस नतीजे पर पहुंचा था कि हर साल मतदाता सूची को संशोधित करना समय की बर्बादी है।

लेकिन फिर से, वर्तमान में हमारे पास हर साल तीन महीने के लिए लाखों फील्ड कर्मचारियों को शामिल करते हुए और करोड़ों रुपये खर्च करके मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है। चुनाव आयोग ने 1983 में ही एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी और 2015 में इसे दोहराया था। विधि आयोग ने मार्च 2023 में चुनाव आयोग के साथ इस प्रस्ताव की व्यवहारिकता और इसकी रणनीति पर चर्चा की थी।

एक साथ चुनाव के लिए किस चीज की जरूरत

वर्तमान में लगभग 12 लाख मतदान केंद्र हैं। यदि एक साथ चुनाव होते हैं, तो प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक अतिरिक्त ईवीएम की आवश्यकता होगी, जिसका अर्थ है कि कम से कम 12 लाख ईवीएम और लगभग 8,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च। स्थानीय निकाय चुनावों में लगने वाले ईवीएम का आकलन संबंधित राज्य चुनाव आयोग, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के परामर्श से करेंगे। अतिरिक्त इन ईवीएम के निर्माण में कुछ साल लग सकते हैं। साथ ही, कर्मचारियों और सुरक्षा में भी थोड़ी बढ़ोतरी होगी।

ECI ने अतीत में चार बार एक साथ चुनाव सफलतापूर्वक कराए हैं, आखिरी बार 1967 में, जब उसने 520 संसदीय और 3,563 विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक साथ चुनाव कराए थे। स्थानीय निकायों के चुनावों को इसमें शामिल करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए क्योंकि दोनों चुनावों में जमीनी स्तर पर काम करने वाली जिला मशीनरी एक ही होती है। आज भी कई राज्य चुनाव आयोग, चुनाव आयोग द्वारा तैयार की गई मतदाता सूचियों का उपयोग करते हैं।

आम सहमति बनाए जाने की जरूरत

कुछ वर्गों में एक साथ चुनाव कराने को लेकर आशंकाएं हो सकती हैं। क्षेत्रीय दलों को यह लग सकता है कि सभी दल राष्ट्रीय और राज्य दोनों चुनावों के लिए एक साथ प्रचार करेंगे, इसलिए चुनावी बहसों का ध्यान राज्य-विशिष्ट मुद्दों से हटकर राष्ट्रीय चिंताओं पर जा सकता है। नतीजतन, राष्ट्रीय दल चुनावी परिदृश्य पर हावी हो सकते हैं, जिससे राज्य के चुनावों के दौरान क्षेत्रीय मुद्दों की राजनीतिक प्रासंगिकता कम हो जाएगी।

योजना में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर सुझाए गए तरीके पर कुछ विचार हो सकते हैं। ऐसे सभी मामलों में, कभी भी एक जैसा विचार नहीं होता है। लोकतंत्र की खूबसूरती यही है कि सभी मुद्दों को चर्चा और संवाद के जरिए सुलझाया जाता है। कोविंद समिति ने इस मुद्दे को सार्वजनिक चर्चा के लिए रखा है। यह हमारे कानून निर्माताओं का काम है कि वे इन सभी मुद्दों पर चर्चा और बहस करें और इन सुधारों पर राष्ट्रीय सहमति बनाएं।
Advt.

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 11 January 2025
पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का आज 47वां दिन है। गुरुवार को हुए उनकी टेस्ट की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।…
 11 January 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा आज अपने बचे हुए 41 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर सकती है। इसको लेकर शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर…
 11 January 2025
प्रयागराज महाकुंभ में संन्यास लेने वाली 13 साल की लड़की का संन्यास 6 दिन में ही वापस हो गया। दीक्षा दिलाने वाले महंत कौशल गिरि को जूना अखाड़े से 7…
 11 January 2025
असम के दीमा हसाओ जिले में 300 फीट गहरी कोयला खदान से शनिवार को एक और मजदूर लिजान मगर का शव पानी पर तैरता हुआ मिला। मजदूर की पहचान 27…
 11 January 2025
कोरोना वायरस जैसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के देश में कुल 15 मामले हो गए हैं। शनिवार को असम में पहला केस सामने आया। यहां 10 महीने का बच्चा पॉजिटिव है।बच्चे…
 10 January 2025
पंजाब के अमृतसर में एक और पुलिस चौकी धमाके की आवाज से दहल गई। यह धमाके की आवाज गुरुवार रात करीब 8 बजे सुनाई दी। पुलिस ने बयान जारी कर…
 10 January 2025
हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में आज सुबह एक उद्योग में भीषण आग लग गई है। फॉर्मा उद्योग में जब आग लगी तो नाइट शिफ्ट के लगभग 35 कर्मचारी…
 10 January 2025
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने के लिए लगाई गई पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज कर दिया। 17 अक्टूबर…