काबुल । अफगानिस्तान में काबिज तालिबान सरकार के उच्च शिक्षा मंत्रालय ने ऐलान किया है कि इस्लाम की शरीयत के विपरीत कुछ विषयों को उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम से हटा दिया जाएगा। कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री शेख अब्दुल बाकी हक्कानी ने कहा कि पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव लाए जाएंगे। बदलाव इस्लामिक शरीयत पर आधारित होंगे। उन्होंने कहा कि जब नए पाठ्यक्रम की तैयारी पूरी हो जाएगी तो तिथि की घोषणा की जाएगी और इसमें एक सप्ताह से भी कम समय लगेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि हर विषय जो इस्लामी कानूनों के खिलाफ है, उसे हटा दिया जाएगा। इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा कि वह भविष्य में उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को विदेश भेजने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करेगा।
अफगानिस्तान से हाल ही में कई ऐसी तस्वीर आई है जिसमें एक क्लास में लड़के और लड़कियों को अलग करने के लिए बीच में पर्दा लगाया गया था। बकी ने कहा, 'महिलाएं स्नातकोत्तर स्तर सहित सभी स्तर के विश्वविद्यालयों में पढ़ सकती हैं, लेकिन कक्षाएं लैंगिक आधार पर विभाजित होनी चाहिए और इस्लामी पोशाक पहनना अनिवार्य होगा।' हक्कानी ने कहा कि विश्वविद्यालय की महिला विद्यार्थियों को हिजाब पहनना होगा लेकिन इस बारे में विस्तार से नहीं बताया कि इसका मतलब केवल सिर पर स्कार्फ पहनना है या इसमें चेहरा ढकना भी अनिवार्य होगा।
15 अगस्त को तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद सात सितंबर को तालिबान ने सरकार की घोषणा की। पूरी कैबिनेट में एक भी महिला शामिल नहीं है। तालिबान ने पिछली बार अपने शासन के दौरान कला एवं संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया था। तालिबान ने उस वक्त लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा से वंचित कर दिया गया था और सार्वजनिक जीवन से बाहर रखा गया था। अब एक बार फिर जब तालिबान की सरकार बनी है तो दुनिया की नजर टिकी है।