नई दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और पावर ग्रिड की संपत्ति को बेचने की प्रक्रिया तेज हो गई है। सूत्रों के हवाले से मिली खबरों की मानें तो नीति आयोग के सीईओ की अगुवाई में बुधवार को सचिवों के समूह की बैठक होगी। बता दें कि एमटीएनएल और बीएसएनएल की कुल 38,000 करोड़ की संपत्ति बेची जानी है। इस संपत्ति में कंपनी की खाली जमीन और बिल्डिंग शामिल है। सूत्रों की मानें तो, नीति आयोग के सीईओ की अगुवाई में होने वाली इस बैठक में सभी कंपनियों से ऐसट मॉनेटाइजेशन प्लान के बारे में पूछा जाएगा। इसके अलावा बीएसएनएल और एमटीएनएल पर सबसे ज्यादा फोकस रहेगा। इन दोनों कंपनियों के टावर को बेचने और किराए पर देने का प्लान है। पावर ग्रिड की ट्रांसमिशन लाइन का मॉनिटाइजेशन किया जाएगा। इसके दो चरणों में 10-10 हजार करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है।
गेल की पाइपलाइन का मॉनेटाइजेशन किया जाएगा। इसी तरह से रेलवे, शिपिंग और हाइवे के प्रोजेक्ट को मॉनेटाइजेशन किया जाएगा। वहीं, अगर कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की योजना सफल नहीं रही तो ऐसे मे सरकार ने एसेट मॉनेटाइजेशन का प्लान बनाया है। एमटीएमएल और बीएसएनएल की कुल 38,000 करोड़ रुपए की संपत्ति बेची जानी है। कंपनियों की इस संपत्ति में उनकी खाली पड़ी जमीन और बिल्डिंग शामिल है। बिक्री से मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल कंपनी की माली हालत सुधारने में होगा। साल 2018-19 में बीएसएनएल को करीब 14,202 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। 2017-18 में 7,993 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। 2016-17 में 4,793 करोड़ और 2015-16 में 4,859 रुपए का घाटा हुआ था। कंपनी 2010 से ही नुकसान में चल रही है। वहीं पिछले 10 सालों में से 9 साल में एमटएमएल ने घाटा दर्ज किया है। घाटे में चल रही दोनों कंपनियों के रिवाइवल के लिए सरकार ने इसी साल अक्टूबर में 70,000 करोड़ के रिवाइवल प्लान को मंजूरी दी थी। इसमें इन दोनों कंपनियों को विलय, संपत्तियों की बिक्री और कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) देने की घोषणा थी। केंद्र सरकार का इरादा दोनों कंपनियों के विलय से बाद बनने वाली ईकाई को दो साल के भीतर मुनाफे वाले इकाई बनाना है।