भोपाल । मप्र भाजपा की नई कार्यकारिणी के गठन में
हो रहे विलंब से अब सवाल उठने लगे हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा
की नियुक्ति को छह महीने पूरे हो गए हैं, लेकिन अब तक वे अपनी टीम नहीं बना पाए हैं।
पूर्व कहा जा रहा था कि शिवराज मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार के ठीक बाद कार्यकारिणी
का गठन कर लिया जाएगा। मंत्रिमंडल विस्तार हुए भी पचास दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी
तक ऐसे आसार नजर नहीं आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि कार्यकारिणी में शामिल किए जाने
वाले नेताओं को लेकर सत्ता-संगठन और हाईकमान के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। 27 विधानसभा
क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कार्यकर्ताओं को सक्रिय
करना तो शुरू कर दिया है, पर बड़े वर्ग की नजर प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा की टीम
पर है। शर्मा दूसरे ऐसे अध्यक्ष हैं, जो पुरानी टीम के साथ ही काम कर रहे हैं। फरवरी
माह में राकेश सिंह की जगह शर्मा को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। फिलहाल शर्मा के सामने
कई चुनौतियां हैं, जिनमें सबसे पहले विधानसभा के 27 उपचुनाव हैं। इसके बाद नगरीय निकाय
और पंचायत सहित सहकारिता व अन्य संस्थाओं के चुनाव होने हैं। यही वजह है कि शर्मा अपनी
टीम में बड़ा बदलाव करना चाह रहे हैं।वे जातीय संतुलन साधने के साथ युवाओं की टीम बनाना
चाह रहे हैं, लेकिन प्रदेश व हाईकमान स्तर पर सहमति नहीं बन पा रही है। युवाओं को ज्यादा
से ज्यादा अवसर देने के साथ संगठन में पीढ़ी परिवर्तन पर सहमति नहीं बन पा रही है। भाजपा
में सामूहिक निर्णय होते हैं, पर जवाबदेह अध्यक्ष को माना जाता है। अंतिम निर्णय प्रदेशाध्यक्ष
के स्तर पर नहीं हो पा रहा है। सरकार बनाने से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार और फिर विभागों
के बंटवारे के कारण भी कार्यकारिणी में विलंब हुआ। इस बारे में मप्र भाजपा के मुख्य
प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि कार्यकारिणी के गठन का विशेषाधिकार पार्टी
संविधान ने अध्यक्ष को दिया है। वे सभी वरिष्ठ नेताओं से परामर्श कर रहे हैं। उचित
समय पर इसकी घोषणा कर दी जाएगी।