ब्राजील में आधिकांश ने माना, चुनाव से पहले हटें राष्ट्रपति बोलसोनारो

Updated on 24-07-2021 07:18 PM

साओ पाओलो । ब्राजील में कोविड-19 वायरस पर लगाम लगाने में नाकाम यहां के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो के लिए विवादित कोवैक्सिन डील अंतत: खत्म हो गई है। भारत बायोटेक ने दो कंपनियों के साथ नवंबर में कई डील को रद्द कर दिया है। कंपनी ने इसके पीछे कारण तो नहीं बताया है लेकिन पिछले कई हफ्तों से इसे लेकर राष्ट्रपति बोलसोनारो के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे। ऐसे में अगले साल होने वाले चुनाव का रास्ता बोलसोनारो के लिए कठिन होता दिखने लगा।

 यहां तक कि एक पोल में आधे से ज्यादा लोगों ने बोलसोनारो के महाभियाग को समर्थन देने की बात कह डाली। पहले से कई विवादों में घिरे और दूसरे मुद्दों पर देश में विरोध और आलोचना का सामना कर रहे बोलसोनारो के लिए वैक्सीन डील ने मुश्किलें और बढ़ा दी थीं। महामारी की शुरुआत से इस पर लगाम लगाने की कोशिशों में गंभीरता न दिखाने के आरोप राष्ट्रपति पर लगते रहे। उन्होंने हमेशा इकॉनमी को तरजीह दी और लॉकडाउन जैसे नियमों का विरोध करते रहे। यही नहीं वैक्सीन को लेकर भी उन्होंने गंभीरता नहीं दिखाई और यहां तक कह डाला कि Pfizer की वैक्सीन लगवाने से लोग मगरमच्छ बन जाएंगे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे में पाया गया है कि ब्राजील के 54 प्रतिशत लोगों ने बोलसोनारो के महाभियोग को समर्थन देने की बात कही है। वहीं, 51 प्रतिशत लोगों ने माना है कि उनका कार्यकाल 'बहुत खराब' रहा। उधर, दूसरी ओर पूर्व राष्ट्रपति लुइज इनाशियो लूला डि सिल्वा ने संकेत दिए हैं कि वह अक्टूबर 2022 में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनावों के लिए उतर सकते हैं और सर्वे के मुताबिक ऐसा होता है तो बोलसोनारो उनसे पिछड़ सकते हैं। विपक्ष के निशाने पर चल रहे राष्ट्रपति से जनता और नाराज होने लगी थी। बोलसोनारो के ऊपर आरोप लगे थे कि उन्होंने न खुद महामारी से बचने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों को गंभीरता से लिया, बल्कि कड़े नियम लगाने वाले गवर्नर्स को धमकाया भी। सीनेट में विपक्ष के नेता रोडाल्फ रॉड्रीगज ने यहां तक कहा कि बोलसोनारो के खिलाफ जांच उनके गलत व्यवहार को लेकर शुरू हुई थी लेकिन अब भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी हैं।

एक मीडिया के अनुसार ब्राजीली सरकार ने दो करोड़ कोरोना वैक्सीन की खुराक के लिए भारतीय कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इसमें एक डोज की कीमत 15 डॉलर (लगभग 1117 रुपये) बताई गई थी जबकि, दिल्ली स्थित ब्राजील के दूतावास के एक गुप्त संदेश में कोवैक्सीन की एक डोज की कीमत 100 रुपये (1.34 डॉलर) थी। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट से जांच का मांग की जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।

Advt.

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 18 November 2024
तेल अवीव: हमास के वरिष्ठ सदस्य कथित तौर पर तुर्की में मौजूद हैं। रविवार को इजरायल के सरकारी टीवी KAN ने एक रिपोर्ट में बताया है। कुछ दिनों पहले यह रिपोर्ट…
 18 November 2024
रियाद: सऊदी अरब की सरकार ने धार्मिक और राष्ट्रीय प्रतीकों के इस्तेमाल पर अहम फैसला लिया है। सऊदी ने निजी और कारोबारी इस्तेमाल के लिए धार्मिक और राष्ट्रीय प्रतीकों के…
 18 November 2024
वेलिंग्टन: न्यूजीलैंड में खालिस्तानियों को एक बड़ा झटका लगा है। ऑकलैंड में आयोजित एक विवादास्पद कथित खालिस्तान जनमतसंग्रह के बाद न्यूजीलैंड की सरकार ने बड़ा बयान दिया है। न्यूजीलैंड की सरकार…
 18 November 2024
मॉस्को: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बड़ा फैसला लिया है। बाइडन ने यूक्रेन को रूस के अंदर शक्तिशाली लंबी दूरी के अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल करने…
 18 November 2024
ओटावा: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने देश की इमिग्रेशन से जुड़ी नीति में बदलाल की वजह पर बात की है। उन्होंने माना कि इस संबध में उनकी सरकार से बीते…
 17 November 2024
नई दिल्‍ली/मास्‍को/ बीजिंग: चीन से जैसे महाशक्तिशाली दुश्‍मन से घिरे भारत ने भी आखिरकार हाइपरसोनिक मिसाइलों की दुनिया में बहुत बड़ी सफलता हासिल कर ली है। भारत ने करीब 1500 किमी…
 17 November 2024
यरुशलम: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सीजेरिया स्थित आवास पर हमला हुआ है। इजरायल की आंतरिक खुफिया एजेंसी शिन बेट और पुलिस ने शनिवार शाम को बताया कि सीजेरिया में नेतन्याहू…
 17 November 2024
तेहरान: ईरान ने गुप्त रूप से अपने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के उत्तराधिकारी को चुन लिया गया है। बीमार चल रहे 85 वर्षीय अली खामेनेई के दूसरे बेटे मोजतबा खामेनेई…