मोदी सरकार ने कबाड़ बेचकर कमा डाले अरबों रुपये, आखिर कहां कर डाली इतनी सफाई?
Updated on
10-11-2024 05:35 PM
नई दिल्ली: कबाड़ बेचकर भी केंद्र सरकार की जबरदस्त कमाई हो रही है। पिछले कुछ वर्षों में केंद्र की मोदी सरकार ने कबाड़ बेचकर करोड़ों नहीं बल्कि अरबों रुपये कमाए हैं। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने बताया है कि केंद्र सरकार ने पिछले 3 वर्षों में सरकार ने कबाड़ बेचकर 2,364 करोड़ रुपये कमाए हैं। ये कबाड़ अलग-अलग सरकारी ऑफिस से बेचा गया है।
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसे लेकर एक पोस्ट की है। उन्होंने पोस्ट में बताया है कि सरकार ने यह स्वच्छता अभियान कितनी जगह चलाया। उन्होंने यह भी बताया है कि कितनी फिजिकल फाइल की सफाई की गई और कितनी ई-फाइल्स की। साथ ही उन्होंने बताया कि इस अभियान ने सरकार ने इस साल 650.10 करोड़ रुपये कमाए।
स्पेशल कैंपेन के तहत हुई सफाई
दरअसल, सरकार दफ्तरों में पड़ी बेकार चीजों जैसे फाइल आदि का समय-समय पर रिव्यू करती रहती है। जितेंद्र सिंह की पोस्ट के मुताबिक यह ऐसी चौथी कैंपेन थी। इसे 'स्पेशल कैंपेन 4.0' नाम दिया गया। इस विशेष कैंपेन के तहत शुरू की गई इस पहल ने न केवल सरकार के खजाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि सरकारी विभागों में स्वच्छता और आर्थिक योगदान को भी बढ़ावा दिया है।
पीएम मोदी ने की तारीफ
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह की पोस्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, 'सराहनीय! इफेक्टिव मैनेजमेंट और प्रोएक्टिव एक्शन पर फोकस करके इस प्रयास ने शानदार रिजल्ट दिए हैं। यह दर्शाता है कि कैसे सामूहिक प्रयास से स्थायी परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।'
हजारों फाइलों को हटाया गया
इस कैंपेन में कुल 58,545 फिजिकल फाइलों की समीक्षा की गई। इनमें से 15,816 फाइलों को हटाया गया। इन फाइलों और कबाड़ निपटान को खत्म करने से 15,847 वर्ग फीट जगह खाली हुई और 16,39,452 रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ।
पेंडिंग मामलों के निपटान के मामले में लक्ष्य के रूप में चिन्हित सभी लोक शिकायतों, पी.जी. अपील, सरलीकरण के नियमों का निपटारा कर दिया गया है। डीपीआईआईटी की ओर से देशभर में 70 जगहों पर कुल 300 स्वच्छता अभियान चलाए गए।
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