भोपाल । प्रदेश के
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि चाहे जो भी हो दिसंबर 2024 तक भोपाल और इंदौर में
मेट्रो रेल के दौड़ने के लिए तय मार्गों का कार्य पूरा हो जाना चाहिए। यह निर्देश मुख्यमंत्री
ने मप्र शासन के अधिकारियों को दिए। वे भोपाल
व इंदौर में चल रहे मेट्रो काम की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा
नागपुर में मेट्रो का काम कैसे जल्दी हुआ? वहां जाइए अध्ययन करिए। जमीन अधिग्रहण करने
की प्रक्रिया फटाफट पूरी करें। कार्य समय पर पूरा करने के लिए ज्वाइंट वेंचर बोर्ड
के गठन, भोपाल एवं इंदौर मैट्रोपोलिटन क्षेत्र को अधिसूचित करने और भूमि अधिग्रहण आदि
के संबंध में कार्रवाई तत्काल करें। गुणवत्ता के साथ काम किया जाए। मुख्य सचिव इकबाल
सिंह बैंस ने बताया कि प्रदेश सरकार, भारत सरकार एवं मप्र मेट्रो रेल कंपनी के बीच
त्रिपक्षीय समझौता हुआ है। इसके मुताबिक मप्र मेट्रो रेल कंपनी केन्द्र एवं राज्य सरकार
की बोर्ड द्वारा संचालित संयुक्त उपक्रम कंपनी (ज्वाइंट वेंचर कंपनी) के रूप में बदल
जाएगी। वहीं प्रमुख सचिव नीतिश व्यास ने बताया कि भोपाल एवं इंदौर दोनों शहरों में
मेट्रो के अंतर्गत प्राइयोरिटी कॉरिडोर बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। प्राइयोरिटी
कॉरिडोर पर 5 से 6 स्टेशन आएंगे। भोपाल में 6.3 किमी लंबा और इंदौर में 5.2 किमी लंबा
प्राइयोरिटी कॉरिडोर बनाया जाना है। मंत्रालय में हुई समीक्षा में नगरीय विकास एवं
आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव मनोज गोविल,
प्रमुख सचिव नीतिश व्यास सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बता दें कि 14442 करोड़ 20 लाख
भोपाल व इंदौर मेट्रो की लागत है। 6941 करोड़ 40 लाख रुपये खर्च होने हैं। 7500 करोड़
80 लाख रुपये इंदौर मेट्रो में खर्च किए जाने हैं। 248 करोड़ 96 लाख रुपये प्रदेश सरकार
ने अब तक दिए हैं। 245 करोड़ 23 लाख राशि भारत सरकार से मिले हैं। 138 करोड़ 58 लाख रुपये
अब तक खर्च किए जा चुके हैं। भोपाल मेट्रो का 2023 तक एम्स से सुभाष नगर तक का काम
पूरा करना है। इसका काम अभी चल रहा है। 2024 मई तक भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहे
तक का मार्ग और 2024 दिसंबर तक सुभाष नगर से करोंद चौराहे तक मेट्रो का मार्ग बनाने
का लक्ष्य तय किया गया है।