बलूचिस्तान। जानलेवा वायरस कोरोना के कारण पाकिस्तान में लॉकडाउन जारी है और जिसके चलते सारे उद्योग-धंधे बंद होने से लोग रोजगारविहीन हैं। हालांकि, एक समस्या जो यहां रोजगार पर हर साल बड़ा खतरा बनकर आती है, उसने विकराल रूप ले लिया है। छोटे-छोटे टिड्डों ने फसलों को चौपट कर दिया है और किसानों का कहना है कि ऐसे हालात उन्होंने कभी नहीं देखे हैं। खबरों के मुताबिक पाकिस्तान में टिड्डों का सबसे भयानक हमला इस वक्त देखा जा रहा है जिसकी वजह से करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। इसकी वजह से अनाज की कमी का खतरा भी हो गया है।
पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात से टिड्डों का तूफान आया था जिसके बाद हालात की गंभीरता का अंदाजा लग गया। माना जा रहा है कि आने वाले हफ्तों में ईरान से टिड्डों का नया झुंड आ सकता है। पाकिस्तान की सरकार ने इस साल इसे लेकर इमरर्जेंसी भी जारी कर दी है। हालांकि, किसानों का कहना है कि सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही है और वे बेबस हो चुके हैं। टिड्डों का सबसे ज्यादा असर सिंध में हुआ है। यहां पूरी की पूरी फसलें एक बार में तबाह हो रही हैं। कर्ज लेकर की जा रही खेती अब बोझ बढ़ाती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक पाकिस्तान को गेहूं जैसी फसलों के लिए कम से कम 2 बिलियन पाउंड का नुकसान हुआ और अभी बोई जा रहीं फसलों में 2.3 बिलियन पाउंड का नुकसान होने की आशंका है। पाकिस्तान की जीडीपी में खेती का 20 फीसदी योगदान होता है और देश की 65 फीसदी आबादी कृषि कार्यों से जुड़े है या ऐसे इलाकों में रहती है। देश की अर्थव्यवस्था पहले ही चरमरा चुकी है और कोरोना की महामारी की वजह से महंगाई और बढ़ चुकी है।