नई दिल्ली । इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की कमी नहीं अखरेगी। चारा घोटाले में जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद पैरोल पर बाहर आकर राज्य में विपक्ष की रणनीति की कमान संभालेंगे। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने पैरोल से संबंधित सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। सूत्रों का कहना है कि पैरोल के लिए बिहार विधानसभा चुनाव पर छाए अनिश्चितता के बादल के छंटने का इंतजार किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद को पैरोल देने की प्रक्रिया इस साल अप्रैल महीने में ही पूरी कर ली गई थी। हेमंत सरकार ने अपने विधि विभाग से इस आशय के बारे में राय ली है। विधि विभाग ने अपनी संस्तुति में कहा है कि चूंकि राजद सुप्रीमो कोर्ट की ओर से सुनाई गई सजा की एक तिहाई अवधि पूरी कर चुके हैं। ऐसे में उन्हें पैरोल दिया जा सकता है। गौरतलब है कि लालू प्रसाद 23 दिसंबर 2017 से जेल में बंद हैं।
भाजपा लगातार बना रही निशाना
भाजपा को लालू प्रसाद के पैरोल पर बाहर आने का अंदेशा है। यही कारण है कि पार्टी बीते दो महीने से लगातार उनको निशाना बना रही है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार के ज्यादातर ट्वीट्स में हमले के केंद्र में लालू प्रसाद रहते हैं। 90 के दशक में राजनीति में आए सामाजिक न्याय के दौर के बाद लालू प्रसाद यादव बिहार में राजनीति के पर्याय रहे हैं। 2005 में सत्ता गंवाने के बावजूद सियासत की धुरी बने रहे। 2015 में जदयू से समझौता कर सियासी पंडितों को चौंकाया था।