भिलाई। भिलाई
इस्पात संयंत्र पीएचडी के उप
महाप्रबंधक के.के.यादव ने
कहा कि, बड़ी
चिन्ता की बात
है कि, इतनी
कोशिशों के बावजूद
कोरोना से मरने
वालों की संख्या
कम होने का
नाम नहीं ले
रही है। उन्होंने
कहा कि, इतनी
मौत क्यों हो
रही है कोविड
मरीजों की, छत्तीसगढ़
में कोरोना मरीजों
की रिकव्हरी रेट
मात्र 52 प्रतिशत जो कि,
काफी कम है
व अति चिंतनीय
विषय है। रिकव्हरी
रेट दिखा रहा
है कि, ट्रीटमेंट
व कोविद सेन्टर
में एसओपी व
डब्लुएचओ के गाईडलाइन्स
के तहत मरीजों
का इलाज नही
हो रहा है,
इस से अचानक
मरीजों के मौत
में इजाफा हो
गया है। प्रतिदिन
कोरोना संक्रमण के मृत्यु
के मामले में
दुर्ग जिला दिल्ली
से भी आगे
निकल गया है।
यदि कोई मरीज
कोविद हॉस्पिटल में
भर्ती हो रहा
है तो सर्वप्रथम
उसके अन्य बिमारियों
का हिस्ट्री रखना
जरूरी है जैसे
शुगर, ब्लड प्रेशर,
हार्ट, किडनी इत्यादि, कोविद
इलाज के साथ
साथ इन सभी
बिमारियों का इलाज
भी करना है,
100 प्रतिशत कोविद हॉस्पिटल के
बेड हेतु ऑक्सीजन
सिलेंडर की व्यवस्था
होना चाहिए, कुछ
बेड्स में वेंटीलेटर
का इंतज़ाम होनी
चाहिए, प्रतिदिन डॉक्टर्स की
उपस्थित हो, तभी
मौत रुक पायेगा,
सभी मौतों की
डेथ ऑडिट रिपोर्ट
बनाया जाना अनिवार्य
होना चाहिए, मरीजों
के मौत को
छत्तीसगढ़ में दो
पार्ट में विभाजित
किया गया है
पहला कोविड डेथ
तथा दूसरा एसोसिएटेड
को-मॉर्बीडिटी, इसका
मतलब साफ है कि,
आपके पास मरीजंों
का कोविड के
अलावा दूसरे बीमारिओं
का भी हिस्ट्री
है तो उसका
इलाज भी किया
जाना जरूरी है।
तभी मरीजों के
मौत को रोका
जा सकेगा। कोरोना
संक्रमितों को दिया
जा रहा मेडिसिन्स
का रिव्यु होना
चाहिए कि, दवा
का कॉम्बिनेशन सही
दिया जा रहा
है या नहीं,
ईसीजी का इंतज़ाम
होना चाहिए। जिन
हॉस्पिटल्स में इलाज
के लिए सहमति
दिया गया है,
वहांँ भी मेडिकल
टीम को निरीक्षण
करने चाहिए। जांँच
अधिक से अधिक
हो। पॉजिटिव मरीजो
का मैपिंग होना
चाहिए।
अस्पताल के सभी कोविद वार्ड व आईसीयू में एचईपीए फिल्टर तथा लेमिनार फ्लो इक्वीपमेंट लगाए ताकि वार्ड में उपस्थित डॉक्टर कोविद इन्फेक्शन का शिकार ना हो। उपरोक्त इक्विपमेंट लगाने से भीतर व बाहर में उपस्थित डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ सभी सुरक्षित रहेंगे। कोविड हेतु बेहतर दवाईयांँ जैसे आईवरमेक्टिन 12एमजी तथा फेबिफ्लु जो कि, थोड़े महंगे है जान बचाती है, का उपयोग कोविड मरीजों के लिए किया जाना बेहतर होगा विशेषेगय डॉक्टर्स से कन्फर्म कर ले।
अभी कई लोगों के मौत के उपरांत भी कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आ रहा है। ऐसे केसेस में भी मृत व्यक्तियो के कॉन्ट्रैक्ट पर्सन की ट्रेसिंग किया जाना जरूरी है। ऐसा देखा गया है अभी मौत 30 से 50 वर्षो के लोगो का भी हो रहा है। कम इम्युनिटी पावर वाले लोगों की मौत हो जा रहा है। सावधान रहें, बेवजह बाहर नही निकले, मास्क लगाए, सैनिटाइजिंग करे, साबुन से हाथ धोते रहे, हल्दी दूध पिये, निम्बू पानी पिये, फल खाएं।