यरूशलम । इजराइल की संसद मंगलवार को उस कानून की अवधि को विस्तार देने में विफल रही, जो उन अरब नागरिकों के पति या पत्नी को नागरिकता या निवास का अधिकार प्रदान करने से रोकता था, जो कब्जे वाले वेस्ट बैंक और गाजा के रहने वाले हों। इस कानून के विरोध में 59 और पक्ष में भी 59 ने सांसदों ने मतदान किया। इस कानून को पारित करने में विफल रहने के बाद देश के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के नेतृत्व वाली नई गठबंधन सरकार को बड़ा झटका लगा है। अब यह कानून मंगलवार आधी रात से लागू नहीं रहेगा। बेनेट ने कहा कि विपक्ष ने कल रात देश की सुरक्षा को बड़ा झटका दिया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समेत अपने विरोधियों पर आरोप लगाया कि विपक्ष ने देश के कल्याण को ऊपर रखने के बजाय घटिया राजनीति की। इजराइल में प्रवेश एवं नागरिकता’ कानून को 2003 में अस्थायी रूप से उस समय लागू किया गया था, जब फलस्तीनियों ने इजराइल पर कई घातक हमले किए थे। इसके कारण अरब नागरिकों के पास वेस्ट बैंक और गाजा के अपने पति या पत्नी को इजराइल में लाने के लिए बमुश्किल ही कोई रास्ता बचा था।
कई वामपंथियों और अरब सांसदों सहित आलोचकों का कहना है कि यह इजराइल में अरब अल्पसंख्यक के विकास को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से लाया गया एक नस्लवादी कानून है, जबकि इसके समर्थकों का कहना है कि सुरक्षा उद्देश्यों और इजराइल के यहूदी चरित्र को संरक्षित करने के लिए इसकी आवश्यकता है। इस कानून की अवधि अब तक हर साल बढ़ाई जा रही थी, लेकिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और उनके सहयोगियों ने बेनेट को शर्मिंदा करने और उनके गठबंधन को नुकसान पहुंचाने के लिए इसका विरोध करने का फैसला किया।