आप अगर इस बात को लेकिर दुविधा में हैं कि बीमा कंपनी अस्पताल में कोविड के इलाज का खर्च रेगुलर हेल्थ कवर के हिसाब से चुकाएगी या नहीं, तो बेफिक्र हो जाइए। इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने साधारण बीमा कंपनियों को इंडस्ट्री बॉडी जनरल इंश्योरेंस (GI) काउंसिल के मार्फत कहा है कि रिंबर्समेंट या क्लेम न रोका जाए, भले ही अस्पताल स्टैंडर्ड रेट से ज्यादा पेमेंट ले रहे हों।
IRDAI के फर्मान से तो पॉलिसी होल्डर्स चिंतामुक्त हो जाएंगे लेकिन अब बीमा कंपनियों को अस्पतालों से इलाज के रेट और पैकेज डील पर सौदेबाजी करनी होगी। असल में कोविड के इलाज के लिए अस्पतालों में स्टैंडर्ड रेट है, लेकिन मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि कई जगहों पर ऊंचे रेट चार्ज किए जाने से बीमा कंपनियों और उनके बीच खींचतान मची है।
हेल्थ इंश्योरेंस बायर्स के लिए फायदेमंद इंश्योरेंस रेगुलेटर के फर्मान से बीमा कंपनियों का क्लेम रेशियो बढ़ जाएगा। यानी बीमा कंपनी का लॉस 100 पर्सेंट से ऊपर जाएगा यानी 100 रुपये के प्रीमियम पर उनको क्लेम में 101 रुपये या ज्यादा देना पड़ेगा। ऐसा होने पर हेल्थ पॉलिसी रिन्यूअल के समय बायर को ज्यादा प्रीमियम देना पड़ेगा।