रजिस्ट्री आफिस आरंभ होने के पश्चात आवेदक पुन: कर रहे रूख
सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन का रखा जा रहा पूरा ध्यान
दुर्ग । लोगों की जरूरतों को देखते हुए राज्य शासन द्वारा रजिस्ट्री आरंभ किए जाने से लोगों को काफी राहत महसूस हुई है। मई महीने में दुर्ग के तीनों पंजीयन कार्यालयों में 747 प्रकरण आए। इन प्रकरणों के माध्यम से 6 करोड़ 81 लाख रुपए का पंजीयन किया गया। पंजीयन कार्य आरंभ होने से निर्माण कार्यों का रास्ता भी खुल सकेगा। खास बात यह है कि कोरोना संक्रमण के संबंध में पूरी सावधानियां यहां बरती जा रही हैं। कैंपस को सैनेटाइज करने का कार्य किया गया है। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी रखा जा रहा है। इसके साथ ही हैंड सैनेटाइजेशन की व्यवस्था भी है। जिला पंजीयक ने बताया कि हम लगातार यह ध्यान रख रहे हैं कि लोग कोरोना संक्रमण के संबंध में शासन द्वारा जारी सुरक्षा की गाइडलाइन का पालन कर सकें। रजिस्ट्री आफिस में आए रंजन महोबिया ने बताया कि उन्होंने दुर्ग में एक जमीन देखी है वो अच्छी लगी, बाद में कोई दूसरा खरीदार न आ जाए, इसलिए रजिस्ट्री करने का हमने निश्चय किया। जिला पंजीयक ने बताया कि पांच डिसमिल से कम जमीन की खरीदी बिक्री पर लगी रोकथाम को हटाने से लोगों को काफी राहत मिली है। अब छोटे प्लाट रखने वाले लोगों के लिए मकान का सपना देखना आसान हो गया है। इसके साथ ही कई लोग बहुत सी जरूरतों के लिए भी प्लाट खरीदते हैं और उन जरूरतों के आने पर इन्हें बेच देते हैं। पांच डिसमिल से कम जमीन की खरीदी-बिक्री पर जो रोक लगी थी, अब इससे उनके लिए भी अपनी जरूरत पूरा करने का रास्ता खुल गया है।
सीजीआवास एप को लोकप्रिय करने वेबिनार- कालोनी अथवा टाउनशिप विकास की अनुज्ञा प्रक्रिया को सरलीकृत करने एवं पारदर्शी बनाने सीजीआवास छत्तीसगढ शासन द्वारा लांच किया गया है जिसमें आनलाइन आवेदन दिया जा सकता है। इसमें सौ दिनों की अवधि में आवेदन की स्वीकृति अथवा अस्वीकृति के संबंध में लिए गए निर्णय के बारे में जानकारी देने की व्यवस्था है। संबंधित हितग्राही इसका लाभ उठा सके, इसके लिए लगातार प्रचार-प्रसार विभाग द्वारा किया जा रहा है। चूंकि लाकडाउन की वजह से सेमिनार का आयोजन नहीं किया जा सका तो विभाग ने दूसरा रास्ता अख्तियार कर लिया। विभाग ने दुर्ग जिले में वेबिनार का आयोजन हुआ। इसमें सभी प्रतिभागियों को लिंक दे दी गई। वेबिनार में सार्थक चर्चा हुई और इसमें शामिल प्रतिभागियों ने कहा कि सीजीआवास एप के माध्यम से पारदर्शिता भी ब?ेगी और आवेदन के जल्द निराकरण को भी ब?ावा मिलेगा।