नई दिल्ली । कोरोना से पीड़ित वर्ष 2020 में लोगों के पास बीमा पॉलिसी के पर्याप्त विकल्प सुनिश्चित करने के लिए नियामक इरडा ने कोरोना कवच से लेकर कोरोना रक्षक जैसे बीमा उत्पादों को बढ़ावा दिया, जो कोरोना संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज को कवर करते हैं। इस साल बीमा नियामक ने उपभोक्ताओं के भरोसे को बढ़ाने के साथ ही मानक उत्पादों की पेशकश की और अपने ग्राहक को जानो’ (केवाईसी) मानदंडों को आसान बनाया। इरडा ने मार्च में कोविड-19 के फैलने के साथ ही बीमारी से संबंधित इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती लोगों के दावों को तेजी से निपटाने के लिए कहा। साथ ही भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया हैं कि कोरोना से संबंधित इलाज की लागत को कवर करने के लिए विशिष्ट उत्पादों को डिजाइन करें। इसके बाद अल्पकालिक कोरोना कवच पॉलिसी शुरू की गई। पिछले छह महीनों में नियामक ने आरोग्य संजीवनी, कोरोना रक्षक और कोरोना कवच सहित कई नए बीमा उत्पाद पेश किए।
बाजार जानकारों ने कहा, बीमा नियामक का कहना है कि मानक बीमा योजनाओं की शुरूआत से उपभोक्ताओं के लिए सेवाओं का चयन करना आसान हो जाएगा। वहीं एक अन्य जानकार ने कहा कि इस दौरान नियामक की भूमिका सक्रिय और ग्राहक केंद्रित रही, जिससे ग्राहकों के लिए लाभदायक उत्पाद तैयार करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि ओटीपी आधारित सहमति से बीमा योजना देने और वीडियो केवाईसी की शुरूआत से ग्राहकों के साथ ही उद्योग को भी फायदा मिला। उन्होंने कहा, हम भारत में बीमा उद्योग की मध्यम से दीर्घकालिक संभावनाओं के बारे में आशावादी बने हुए हैं।