विविधता के बिना क्रिकेट कुछ भी नहीं
दुबई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने नस्लवाद का विरोध करते हुए कहा है कि विविधता के बिना क्रिकेट कुछ भी नहीं है। आईसीसी ने यह यह बयान अमेरिका में एक अश्वेत युवक जॉर्ज फ्लॉयड की मिनियापॉलिस में हुई हत्या के बाद नस्लवाद के विरोध में जारी अभियान को लेकर दिया है। आईसीसी का 90 सेकंड का यह वीडियो क्लिप इंग्लैंड की 2019 वर्ल्ड कप जीत से भी जुड़ा है। इसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ बारबाडोस में जन्में जोफ्रा आर्चर सुपर ओवर कर रहे हैं। आईसीसी ने ट्विटर पर भेजे गए अपने संदेश में कहा, 'विविधता के बिना क्रिकेट कुछ भी नहीं है। विविधता के बिना असली तस्वीर आपके सामने नहीं आती है।'
अपनी इस बात को लेकर आईसीसी ने इंग्लैंड टीम की विश्व कप जीत का भी उदाहरण दिया। इंग्लैंड की टीम ने जब एकदिवसीय विश्व कप जीता तो उसकी टीम के कप्तान आयरिश मूल के इयोन मॉर्गन थे। उनकी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन न्यूजीलैंड में जन्में ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने किया। उनके स्पिनर मोईन अली और आदिल राशिद पाकिस्तानी मूल के थे जबकि उनका एक सलामी बल्लेबाज जैसन रॉय दक्षिण अफ्रीकी मूल का था। आईसीसी को यह वीडियो इसलिए जारी करना पड़ा क्योंकि उसपर कई क्रिकेटरों ने इस मामले में अपना रुख तय करने को कहा था।
वेस्ट इंडीज के सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल और पूर्व कप्तान डेरेन सैमी ने आरोप लगाया था कि उन्हें भी कई बार रंगभेद का सामना करना पड़ा था। सैमी ने यह भी कहा था अमेरिका ही नहीं हर जगह नस्लभेद हावी है। सैमी ने यह भी कहा कि आईसीसी को इस मामले में मौन नहीं रहते हुए खुलकर अश्वेत क्रिकेटरों के समर्थन में अपनी बात रखनी चाहिये। साथ ही कहा कि अगर आईसीसी ऐसा नहीं करता है तो यह माना जाएगा कि वह भी नस्लभेद में शामिल है।