मुम्बई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति ने कोरोना महामारी को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय मैचों में घरेलू अंपायर रखने की सिफारिश की है। आईसीसी के इस कदम पर अमल करना भारतीय मैच अधिकारियों के लिए आसान नहीं रहेगाहै। कई मौजूदा और पूर्व मैच अधिकारियों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय मैचों खासकर टेस्ट मैच में कम अनुभव के कारण यह भारत के घरेलू अंपायरों के लिए आसान नहीं होगा। पिछले साल आईसीसी के एलीट पैनल के अंपायरों से भारतीय अंपायर एस रवि को बाहर कर दिया गया। इसके बाद से ही इसमें कोई भी भारतीय अंपायर शामिल नहीं है। टेस्ट मैच के लिए अंपायरों को इसी सूची से चुना जाता है। इससे नीचे की श्रेणी में आने वाले आईसीसी के अंतरराष्ट्रीय पैनल के अंपायरों में चार भारतीय है जिसमें से केवल नितिन मेनन को तीन टेस्ट, 24 एकदिवसीय और 16 टी 20 अंतरराष्ट्रीय के पास टेस्ट मैचों का अनुभव है। इनके अलावा सी शमशुद्दीन के पास 43 एकदिवसीय , 21 टी 20 अंतरराष्ट्रीय, अनिल चौधरी 20 एकदिवसीय, 20 टी 20 अंतरराष्ट्रीय और वीरेन्द्र शर्मा दो एकदिवसीय और एक टी 20 को टेस्ट मैचों का अनुभव नहीं है। ऐसे में पर्याप्त अनुभवी नहीं होने के बाद भी इन अंपायरों को जनवरी में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में अंपायरिंग की जिम्मेदारी मिल सकती है।
वहीं पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर हरिहरन ने कहा, ‘‘ यह एक बड़ी चुनौती है , पर इसके साथ ही एक बड़ा अवसर है। विभिन्न प्रारूप में अलग - अलग तरह का दबाव होता है। टेस्ट में पास के क्षेत्ररक्षकों द्वारा दबाव बनाया जाता है जबकि सीमित ओवरों के क्रिकेट में दर्शकों का शोरगुल अंपायरों के काम को मुश्किल बनाता है।’’ आईसीसी, स्थानीय एलीट और अंतरराष्ट्रीय पैनल के रेफरी और अंपायरों में से नियुक्ति करेगी। जिस देश में एलीट पैनल के मैच अधिकारी नहीं है वहां अंतरराष्ट्रीय पैनल के मैच अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।