‘शुभ मंगल सावधान’ के रिलीज के आठ साल के बाद डायरेक्टर आर. एस. प्रसन्ना की फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ पर 20 जून को रिलीज होने जा रही है। फिल्म की कहानी 10 दिव्यांग बच्चों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें आमिर खान बॉस्केटबॉल सिखाते हैं। डायरेक्टर आर. एस. प्रसन्ना कहते हैं कि इस फिल्म की कहानी ऐसी है कि बिना आमिर खान के यह फिल्म नहीं बन सकती थी। इस फिल्म को बनाने के लिए डायरेक्टर आमिर खान का 10 साल तक इंतजार करने के लिए तैयार थे। हाल ही में आर. पेश है कुछ खास अंश..
सवाल- ‘सितारे जमीन पर’ की शुरुआत कैसे हुई?
जवाब- ‘शुभ मंगल सावधान’ को दर्शकों का बहुत प्यार मिला। इस फिल्म को लोगों ने खूब सराहा। ईश्वर की कृपा से यह फिल्म तो निकल गई। इसके बाद सोच रहा था कि दूसरी फिल्म कैसी होगी? हम पहली फिल्म के लिए जब तक फिल्म बन नहीं जाती प्लान करते रहते हैं। दूसरी फिल्म से लोगों की उम्मीद ज्यादा बढ़ जाती है। कहा जाए तो दूसरी फिल्म से आपकी गिनती शुरू होती है। यह सोचकर मैं बहुत डर गया था।
मैं चेन्नई वापस चला गया। कुछ दिनों तक परिवार के साथ रहा और उसी दौरान अच्छी कहानी की तलाश कर रहा था। जब हमें ‘सितारे जमीन पर’ का आइडिया आया तो सबसे पहले मन में यही सवाल आया कि इस फिल्म को प्रोड्यूस कौन करेगा?
मुझे ऐसे एक्टर और प्रोड्यूसर की जरूरत थी जो बहुत संवेदनशील हो और फिल्म को आगे तक ले जा सके। तब सिर्फ एक ही इंसान आमिर खान का नाम सामने आया। हालांकि,आमिर खान के बारे में सोच कर और दुखी हो गया।
मैं एक फिल्म कर चुका था। दूसरी फिल्म के लिए आमिर खान ही परफेक्ट हैं। यह जीवन में कभी संभव नहीं था कि आमिर खान मेरे साथ काम करें। यह सोचना ही बहुत दूर की बात है कि दूसरी फिल्म आमिर खान के साथ कैसे होगा? मैंने यह बात किसी को नहीं बताई, लेकिन मन में यही ख्याल आ रहा था कि आमिर खान ही यह फिल्म कर सकते हैं, नहीं तो यह फिल्म नहीं बन पाएगी।
lलेकिन मन में बार-बार यह ख्याल आ रहा था साथ राजकुमार हिरानी जैसे बड़े-बड़े डायरेक्टर आमिर सर के साथ काम करने के लिए तैयार हैं। फिर मेरे साथ काम क्यों करेंगे? फिर भी एक उम्मीद थी कि आमिर सर बहुत अलग हैं। मैंने कोशिश की और आमिर सर को स्क्रिप्ट बहुत पसंद आई।
सवाल- आमिर खान से कैसे संपर्क किया आपने?
जवाब- ‘शुभ मंगल सावधान’ के रिलीज हुए आठ साल हो गए। मैं आमिर सर के मैनेजर संपत के संपर्क में था। एक बार उन्होंने बताया कि कोई अच्छी स्क्रिप्ट होगी तो बताना। जब आमिर सर से मिला तब 'लाल सिंह चड्ढा' का लास्ट शेड्यूल चल रहा था। उसके बाद में कोविड के दौरान हमारी मुलाकात हुई। हमारी मीटिंग 8-10 घंटे चली थी। मैं सरप्राइज था कि आमिर सर फिल्म के बारे में नहीं, बल्कि मेरे और अपनी फैमिली के बारे में बात कर रहे थे। वो बहुत ही इमोशनल जोन में चले गए थे।
मैं तो भूल गया था कि आमिर सर के सामने बैठा हूं। मुझे सिर्फ एक आर्टिस्ट दिख रहा था जो बहुत ही दिलचस्प तरीके से बात कर रहा है। आमिर सर ने कहा कि अभी कोविड लॉकडाउन चल रहा है, मैं थोड़ा टाइम लेता हूं। मैंने कहा कि आप दस साल का समय लीजिए, मैं इंतजार करूंगा। पर यह फिल्म सिर्फ आप कर सकते हो। कोई और नहीं कर सकता।
सवाल- जब आप सेट पर आमिर खान से मिले तब कैसी फीलिंग थी ?
जवाब- भले ही मैंने आमिर सर के साथ कोविड के दौरान दो साल बिताए, लेकिन जब शूट पर आए तो मैं बहुत नर्वस था। मैं सोच रहा था कि अगर मुझे दूसरा टेक लेना पड़े तो आमिर सर से कैसे बोलूंगा। कहीं मेरी बात का बुरा ना मान जाए। अगर नहीं बोलूंगा तो मेरा काम खराब हो जाएगा। यह सब बातें दिमाग में चल रही थीं।
मुहूर्त शॉट के बाद आमिर सर वैनिटी वैन में चेंज करने गए। वहां पूरी तैयारी करके गया कि उनसे कैसी बात करनी है। कुछ कहने से पहले ही वह बोल पड़े कि रीटेक के बारे में बोलना तुम्हारा काम है, अगर तुम ऐसा नहीं बोलोगे तो मैं हैरान हो जाऊंगा। टीम के सभी लोग बहुत नर्वस थे, लेकिन आमिर सर ने सबको सहज बना दिया।
सवाल- फिल्म के बाकी कलाकारों की कास्टिंग में किस तरह की चुनौतियां आईं?
जवाब- इस फिल्म के लिए 10 मेन आर्टिस्ट चाहिए था। उन सबकी कास्टिंग करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। कास्टिंग में एक साल का समय लग गया था। कास्टिंग के पूरे प्रोसेस में आमिर सर ने पूरा साथ दिया। उसके बाद सबके साथ 10 महीने वर्कशॉप किया। ऐसा माहौल बनाया गया कि वे शूटिंग के दौरान भी लोग घर जैसा अनुभव करें।
सवाल- आमिर खान भी वर्कशॉप में आते थे?
जवाब- जब उनका रोल होता था तब आते थे। क्योंकि आमिर सर का इसमें बहुत ही रियल किरदार है। उनका ऐसा किरदार नहीं है कि 'दंगल' की तरह वजन बढ़ाना पड़े, और ही कोई एक्शन सीन है। उनके सीन में आने के बाद कैसा रिएक्शन होगा। यह चीज मुझे चाहिए था। जब रीडिंग होती थी तब भी रोज आते थे।