नई दिल्ली । भारतीय बाजार में 1998 में ही प्रवेश करने वाली दक्षिण कोरियाई कार कंपनी ह्यूंदै मोटर इंडिया लिमिटेड अभी भी विस्तार की राह पर काम कर रही है। कंपनी का कहना है कि अगले चार वर्षों के दौरान कंपनी अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में विस्तार के लिए 3200 करोड़ रुपए का और निवेश करेगी। इसमें कारों के नए मॉडल की लांचिंग तो है ही, इलेक्ट्रिक कारों के एक सीरिज की भी लांचिंग शामिल है। अभी तक कंपनी भारतीय बाजार में चार अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है। ह्यूंदै ने भारतीय बाजार में अपना सफर 6 मई 1996 को शुरू किया था। इसने भारत में ही प्रोडक्शन कर सितंबर 1998 में अपनी पहली लोकल मॉडल सेंट्रो को बाजार में उतार दिया था। इसके बाद यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता बन गई। इस समय इसका घरेलू कार बाजार में 17 फीसदी की हिस्सेदारी है।
यही नहीं, यह भारत से पैसेंजर कारों का निर्यात करने वाली सबसे बड़ी कंपनी के रूप में खुद को स्थापित किया। ह्यूंदै के भारतीय मैनेजमेंट का कहना है कि अब कंपनी का ध्यान इलेक्ट्रिक व्हीकल पर है। भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है और इस पर कई तरह के राजकोषीय प्रोत्साहन भी है। इसलिए कंपनी ने भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक कारों के मॉडल को लांच कर दिया है। इसने अपने ई एसयूवी कोना को पहले ही लांच कर दिया है। लेकिन इसकी कीमत 24 लाख रुपये के करीब होने के कारण इसे हर कोई खरीद नहीं पा रहे हैं। मैनेजमेंट का कहना है कि जब तक यह अफोर्डेबल नहीं होगा, तब तक इसे आम आदमी नहीं अपना पाएंगे। यह प्रोडक्ट भी अफोर्डेबल हो सके, इसके लिए भारत में भी इलेक्ट्रिक कारों के लिए एक अलग प्रोडक्ट लाइन बनाया जाएगा। इसमें करीब 1000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है।