2001 से पहले खरीदी गई प्रॉपर्टी बेचने पर कितना लगेगा टैक्स? इनकम टैक्स IT विभाग ने बताया
Updated on
27-07-2024 01:22 PM
नई दिल्ली: साल 2001 के बाद खरीदी गई प्रॉपटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन (LTCG) की गणना में इंडेक्सेशन बेनेफिट हटाए जाने के बाद इनकम टैक्स विभाग ने 2001 से पहले खरीदी गई प्रॉपर्टी के बारे में स्पष्टीकरण जारी किया है। ऐसी प्रॉपर्टी पर इंडेक्सेशन बेनेफिट खत्म नहीं किया गया है। विभाग ने कहा है कि इस मामले में 1 अप्रैल 2001 को रियल एस्टेट प्रॉपर्टी की जो फेयर मार्केट वैल्यू (FMV) होगी, या तो वह उसकी एक्विजिशन कॉस्ट मानी जाएगी। आम बजट में रियल एस्टेट पर LTCG टैक्स 20% से घटाकर 12.5% कर दिया गया, लेकिन अप्रैल 2001 के बाद खरीदी गई प्रॉपटी पर इंडेक्सेशन बेनेफिट खत्म कर दिया गया।
खरीदने और बेचने के दौरान महंगाई के असर को अडजस्ट करते हुए इंडेक्स्ट कॉस्ट निकाली जाती थी और उसे बिक्री मूल्य से घटाकर LTCG तय किया जाता था। विभाग ने X पर एक पोस्ट में कहा कि 1 अप्रैल 2001 से पहले जब भी प्रॉपर्टी (जमीन या मकान या दोनों) खरीदी गई हो, 1 अप्रैल 2001 के अधिग्रहण मूल्य को उसका अधिग्रहण मूल्य माना जाएगा या 1 अप्रैल 2001 को उसकी फेयर मार्केट वैल्यू को एक्विजिशन कॉस्ट माना जाएगा, लेकिन ऐसी FIMV स्टॉप ड्यूटी वैल्यू से अधिक नहीं होनी चाहिए। करदाता कोई भी विकल्प चुन सकते हैं। वहीं, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि बजट में पूंजीगत लाभ कर का प्रस्ताव कर व्यवस्था को सरल बनाने की उद्योग जगत की मांग पर लाया गया है।
फेयर मार्केट वैल्यू कैसे पता करें?
1 अप्रैल 2001 की फेयर मार्केट वैल्यू या वास्तविक लागत में से किसी एक को 2001 से पहले खरीदी गई प्रॉपर्टी की एक्विजिशन कॉस्ट माना जाएगा। सीनियर चार्टर्ड एकाउंटेंट सुशील अग्रवाल के मुताबिक, अप्रूव्ड वैल्यूअर प्रॉपर्टी की फेयर मार्केट वैल्यू तय करते है। यह वैल्यू लोकेशन, जमीन की कीमत, कस्ट्रक्शन कॉस्ट, उस वक्त के सर्कल रेट जैसी चीज़ों पर गौर करते हुए निकाली जाती है। अप्रैल 2001 के लिए भी FMV इसी तरह तय की जाएगी।
उदाहरण से समझें
विभाग ने इसे एक उदाहरण देकर समझाया। उसने कहा कि मान लेते हैं कि 1990 में किसी प्रॉपर्टी की एक्विजिशन कॉस्ट 5 लाख रुपये, अप्रैल 2001 को स्टॉप ड्यूटी वैल्यू 10 लाख रुपये और FMV 12 लाख रुपये थी। अगर इस प्रॉपर्टी को 23 जुलाई 2024 के बाद 1 करोड़ रुपये में बेचा जाता है तो इसकी एक्विजिशन कॉस्ट अप्रैल 2001 को 10 लाख रुपये मानी जाएगी क्योंकि नियम के हिसाब से स्टाप ड्यूटी वैल्यू और FMV में से जो कम, उसे ही गणना में शामिल करना है। चूंकि 2001 के पहले की प्रॉपर्टी पर इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलेगा, लिहाजा 2024-25 में इसकी इंडेक्स्ड कॉस्ट 36.3 लाख रुपये होगी क्योंकि FY25 के लिए कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स 363 है। LTCG 63.7 लाख रुपये होगा और LTCG टैक्स 12.74 लाख रुपये बनेगा।
नई दिल्ली: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी का नाम देश-दुनिया के अमीरों में शुमार है। इनकी गिनती दुनिया के टॉप 20 अमीरों में होती है। इनके ग्रुप की कई कंपनियां अच्छा प्रदर्शन…
नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। वे कुछ शर्तों के साथ 42 दिन की स्पेशल छुट्टी ले सकते हैं। नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) ने कहा है…
नई दिल्ली: बैंकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे ईएमआई पर आधारित सभी तरह के पर्सनल लोन फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर दें। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह बात…
नई दिल्ली: विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार के पैसा निकालने का सिलसिला नए साल में भी जारी है। साल के पहले 7 दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने दो…
नई दिल्ली: इंजीनियरिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन और एमडी एसएन सुब्रह्मण्यम सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं। Reddit पर उनका एक वीडियो आया है…
नई दिल्ली: हाल ही में शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी (bull run) चली, तो निवेशकों में खूब जोश था। ज्यादा रिस्क, ज्यादा मुनाफे की उम्मीद में लोग नैनो-कैप स्टॉक (छोटे शेयरों)…
नई दिल्ली: 2025 में भारतीय घरों की आमदनी और बचत को लेकर काफी चिंताएं हैं। लोकल सर्कल्स के सर्वे के मुताबिक, सिर्फ 24% परिवारों को भरोसा है कि उनकी सालाना आय…