मुंबई। वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने कोरोना महामारी के बाद क्रिकेट गेंद को चमकाने के लिए कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल पर सवाल उठाया है। होल्डिंग ने कहा कि यह पदार्थ कैसे काम करेगा कोई यह बात नहीं बता सकता है। माना जा रहा है कि क्रिकेट फिर शुरु होने पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड (आईसीसी) कोरोना संक्रमण की आशंका से गेंद पर लार का उपयोग बंद कर उसकी जगह किसी कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा।
होल्डिंग ने कहा कि गेंद को चमकाने के लिए लार या पसीने का उपयोग करना गेंदबाजों की स्वाभाविक प्रवृत्ति है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘यह गेंदबाजों के लिए मुश्किल होगा। किसी भी गेंदबाज की यह आदत होती है कि एक बार गेंद हाथ में आने पर वह उस पर लार या पसीना लगाता है।’
वहीं कहा जा रहा है कि ऑस्ट्रेलियाई गेंद निर्माता कंपनी कूकाबुरा गेंद को चमकाने के लिए एक कृत्रिम पदार्थ तैयार करने में लगा है, पर होल्डिंग ने कहा कि यह गेंदबाजों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर एक समय के बाद आप सीख जाओगे और इससे तालमेल बैठ जाएगा। मैंने सुना है कि किसी तरह की पॉलिश का उत्पादन किया जा रहा है जो अंपायरों के पास रहेगी और आपको अंपायर के सामने गेंद चमकानी होगी। अब यह मैं नहीं बता सकता कि यह उपाय लाभकारी रहेगा या नहीं। ’
होल्डिंग ने साथ ही सवाल किया, ‘यह किस तरह की पॉलिश होगी। यह ऐसी पॉलिश होगी जो उंगलियों पर चिपक जाए। क्या इसमें फिसलन होगी। अगर इसमें फिसलन होती है तो आप नहीं चाहोगे कि आपकी उंगलियों में फिसलन हो क्योंकि इससे गेंद पर पकड़ बनाने में मुश्किल होगी। मैं इन सब चीजों के बारे में जानने का विस्तार से इंतजार कर रहा हूं।’
इससे पहले भी भारत के आशीष नेहरा, हरभजन सिंह सहित कई अन्य गेंदबाजों ने भी कहा था कि लार का कोई विकल्प नहीं है और कृत्रिम पदार्थ का इस्तेमाल काम नहीं करेगा। इससे गेंदबाजों को परेशानी ही होगी।