वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के फाइनल में गुरुवार को डी गुकेश और चीन के डिंग लिरेन की 9वीं बाजी ड्रॉ रही। यह मैच किंग वर्सेज किंग पर ड्रॉ रहा यानी दोनों खिलाड़ियों के पास राजा का मोहरा बचा रहा। इस मुकाबले में 54 चालों के बाद दोनों खिलाड़ी ड्रॉ पर सहमत हुए।
32 साल के चीन ग्रैंड मास्टर लिरेन ने पहला मुकाबला जीता था, जबकि 18 साल के भारतीय ग्रैंड मास्टर गुकेश तीसरी बाजी अपने नाम की थी। दूसरी, चौथी, पांचवीं, छठी, सातवीं और आठवीं बाजी ड्रॉ रही। लगातार 6 बाजियां ड्रॉ रहीं। मुकाबले में अब तक 7 बाजियां बराबरी पर छूटीं। 9वीं बाजी ड्रॉ रहने के बाद दोनों खिलाड़ियों के 4.5-4.5 अंक हो गए हैं। चैंपियनशिप जीतने के लिए 7.5 पॉइंट चाहिए।
शुक्रवार (6 दिसंबर) को आराम का दिन है। इसके बाद दोनों खिलाड़ी शनिवार को फिर मुकाबला शुरू करेंगे। 25 लाख डॉलर (करीब 21.14 करोड़ रुपए) इनामी चैंपियनशिप में अब सिर्फ 5 मुकाबले बचे हैं। अगर 14 राउंड के बाद भी स्कोर बराबर रहता है, तो विनर तय करने के लिए ‘फास्टर टाइम कंट्रोल’ के तहत बाजियां होंगी।
किंग Vs किंग ड्रॉ क्या है
जब किसी चेस मुकाबले के दौरान चेस बोर्ड में दोनों खिलाड़ियों के राजा ही बचते हैं, तो उसे किंग वर्सेज किंग ड्रॉ कहा जाता है। ऐसी स्थिति में किसी एक खिलाड़ी के जीतने की संभावनाएं नहीं रहती हैं।
गुकेश ने कैटालान ओपनिंग की, लिरेन टाइम प्रेशर में दिखे
गुकेश ने सफेद मोहरों से कैटालान ओपनिंग की। यहां भी लिरेन ने ओपनिंग से निपटने के लिए काफी समय लिया। पहली 14 चालों में गुकेश ने जहां 15 मिनट लिए। वहीं, लिरेन ने 50 मिनट लगाए। मिडिल गेम में गुकेश को 20वीं चाल में लिरेन पर दबाव बनाने का मौका मिला, लेकिन लिरेन ने बेहतरीन चालों से गुकेश को लाभ नहीं लेने दिया।
एक समय लिरेन 30 मिनट से पीछे थे, लेकिन उन्होंने समय के दबाव के बावजूद सही चालें चलीं और मुकाबले को बराबरी पर ले आए। इस दौरान गुकेश ने अपने अतिरिक्त समय का उपयोग किया। 23वीं चाल में वे लिरेन से समय के मामले में पिछड़ गए। 24वीं चाल के बाद यह तय हो गया कि बाजी ड्रॉ रहेगी और अंत में ऐसा ही हुआ।
आखिरी में पिछड़ने लगे थे गुकेश
9वीं बाजी की 41वीं चाल के बाद लिरेन को फायदा मिला और डी गुकेश पिछड़ने लगे थे। थोड़े ब्रेक के बाद 54वीं चाल में चेस बोर्ड में राजा बनाम राजा की स्थिति बनी और दोनों खिलाड़ी ड्रॉ पर सहमत हो गए।