नई दिल्ली । सरकार ने सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) कानून में संशोधनों को लेकर इस संबंध में गठित उच्चस्तरीय समिति के सुझावों पर संबंधित पक्षों से सुझाव एवं टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। समिति ने जो सुझाव दिए हैं उनमें विभिन्न उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से हटाना, लघु एलएलपी की एक नई अवधारणा शुरू करना और एलएलपी को गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करने की अनुमति देने जैसे कुछ सुझाव हैं जिन्हें एलएलपी कानून में शामिल किया जा सकता है।
कार्पोरेट कार्य मंत्रालय ने समिति के इन सुझावों पर संबंधित पक्षों से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। मंत्रालय ने कारोबार सुगमता को और बेहतर बनाने के प्रयास स्वरूप यह कदम उठाया है। मंत्रालय ने अपने संदेश में कहा है कि इन सिफारिशों पर सुझाव दो फरवरी 2021 तक सौपें जा सकते हैं। मंत्रालय ने इसके लिए सितंबर 2019 में कंपनी कानून समिति का गठन किया था।
एलएलपी कानून के तहत मौजूदा व्यवस्था का अध्ययन करने के बाद समिति ने 12 उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से हटाने और उन्हें कंपनियों के भीतर गठित न्यायिक प्रणाली के तहत लाने की सिफारिश की है। समिति ने एक लघु एलएलपी की अवधारणा का भी प्रस्ताव किया है। इसके साथ ही एलएलपी को गैर- परिवर्तनीय बांड जारी करने की अनुमति दिए जाने का प्रावधान करने की भी सिफारिश की है।