बॉन । जर्मनी का स्पेस टेलिस्कोप दो साल में 30 लाख से ज्यादा ऑब्जेक्ट्स की खोज की है। ईरोसिता को 2019 में लॉन्च किया गया था और यह पहला ऐसा स्पेस में आधारिक एक्स-रे टेलिस्कोप है जो पूरे आसमान की इमेजिंग कर सकता है। यह रूस-जर्मनी के स्पेक्ट्रम-रोयेजेन गामा मिशन पर लगा है जो लागरेंज प्वाइंट 2 पर स्थापित है। सूरज और धरती के पास ऐसे स्थिर पॉइंट्स में से एक है जहां दोनों का गुरुत्वाकर्षण बैलेंस बनाता है। यहां से ईरोसिता को ब्रह्मांड साफ दिखता है और यह अपने एक्स-रे डिटेक्टिंग इंस्ट्रुमेंट से उसकी तस्वीरें लेता है। इससे मिला डेटा पिछले महीने जर्मनी के मैक्स प्लांक इंस्टिट्यूट फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल फिजिक्स की टीम ने रिलीज किया है। टेलिस्कोप पहले ही आकाशगंगा से निकलने वाले एक्स-रे बबल्स जैसी खोज कर चुका है। ईरोसिता ईएसए के एक्सएमएम न्यूटन की तकनीक की तर्ज पर बना है जो 1999 से धरती का चक्कर काट रहा है। मिशन की सीनियर साइंटिस्ट ऐंड्रिया मरलोनी ने स्पेस.कॉम को बताया है कि ईरोसिता में संस्थान की टीम ने कुछ अजस्टमेंट किए हैं जिससे यह एक्सएमएम-न्यूटान की क्वॉलिटी की तस्वीरें ले सकता है लेकिन इसका फील्ड ऑफ व्यू कहीं ज्यादा है। ईरोसिता ने अक्टूबर 2019 में सबसे पहले तस्वीरें लेना शुरू किया था। उसके बाद यह तीन स्काई सर्वे कर चुका है जिसमें ब्रह्मांड से एक्स-रे रेडिएशन के स्रोत को यह देखता है। मरलोनी का कहना है कि अब तक इसने ऐसे 30 लाख स्रोत पता लगाए हैं जिनमें से 77 फीसदी दूसरी गैलेक्सीज में स्थित ब्लैक होल हैं, 20फीसदी न्यूट्रॉन स्टार, सितारे और मिल्क वे के ब्लैक होल। इनके अलावा 3फीसदी गैलेक्सी क्लस्टर हैं। मरलोनी का कहना है कि पहले जिन ऑब्जेक्ट्स के बारे में पता था, वे कुछ जगहों पर ही थे लेकिन ईरोसिता ऐसे ऑब्जेक्ट्स को देख पाता है जो पूरे आसमान में फैले होते हैं। उनका कहना है कि इसकी मदद से गैलेक्सी क्लस्टर्स के विकास को समझा जा सकेगा। यह इसलिए अहम है क्योंकि इससे डार्क मैटर और डार्क एनर्जी के बारे में भी पता चल सकेगा जिनकी वजह से गैलेक्सी क्लस्टर के बनने की गति तय होती है।