बर्लिन । जानलेवा महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रही दुनिया को जर्मनी के चिकित्सा वैज्ञानिकों ने गुड न्यूज दी है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने भेड़ के रक्त से एक शक्तिशाली एंटीबॉडी विकसित की हैं। यह एंटीबॉडी कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस (सार्स-कोव-2) और इसके नए घातक स्वरूपों को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर सकती हैं। जर्मनी स्थित मैक्स प्लैंक इंस्टिट्यूट (एमपीआई) फॉर बायोफिजिकल केमिस्ट्री के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया है कि ये सूक्ष्म एंटीबॉडी पूर्व में विकसित की गईं इस तरह की एंटीबॉडी की तुलना में कोरोना वायरस को एक हजार गुना अधिक निष्क्रिय कर सकती हैं। इस एंटीबॉडी अनुसंधान से संबंधित रिपोर्ट को एक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान में इन एंटीबॉडी का चिकित्सीय परीक्षण किए जाने की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि कम दाम में इन एंटीबॉडी का उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जा सकता है और ये कोविड-19 उपचार से संबंधित वैश्विक मांग को पूरा कर सकती हैं। उल्लेखनीय है कि एंटीबॉडी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता की मदद करती हैं। ये वायरस से चिपककर उसे निष्क्रिय कर देती हैं। दिसंबर 2019 से शुरू हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण अभी तक रुका नहीं है। अलग-अलग देशों को अलग-अलग टाइम पर अपनी गिरफ्त में लेने वाला कोरोना अब पूर्वी एशिया के देशों इंडोनेशिया और मलेशिया में तेजी से फैल रहा है। भारत के केरल में भी कोरोना वायरस के मामले दूसरी लहर के बाद फिर एक बार तेजी से बढ़ रहे हैं। पाकिस्तान तो कोरोना वायरस की चौथी लहर से बेहाल है। संक्रमण की तेज रफ्तार को देखते हुए सिंध सूबे ने तो कड़ा लॉकडाउन तक लागू कर दिया है। वहीं, पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ट्वीट कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। पाकिस्तान ने बिना वैक्सीन लगवाए हुए लोगों को घरेलू फ्लाइट में यात्रा करने पर भी पाबंदी लगा दी है। सिंध सरकार ने तो ऐसे लोगों के मोबाइल सिम को बंद करने की चेतावनी तक दी है।