नई दिल्ली । दुनिया सबसे प्रतिष्ठित अमेरिकी ऑटो कंपनी जनरल मोटर्स को महाराष्ट्र सरकार का एक फैसला रास नहीं आ रहा है लिहाजा उसने देश से अपना कारोबार पूरी तरह समेट लेने की धमका दी है। उसका कहना है कि महाराष्ट्र सरकार उसके प्लांट को बंद नहीं होने दे रही है। इससे राज्य की बिजनेस फ्रेंडली इमेज प्रभावित होगी और भविष्य में निवेश प्रभावित होगा। कंपनी ने महाराष्ट्र में अपने प्लांट में कामकाज बंद करने का आवेदन किया था जिसे महाराष्ट्र सरकार ने खारिज कर दिया था। वहां कामगार प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी मांग है कि कंपनी को उत्पादन जारी रखना चाहिए या उन्हें अनिश्चितकाल तक अपने पेरोल पर रखना चाहिए।
जनरल मोटर्स के एक प्रवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का यह फैसला उसकी बिजनेस फ्रेंडली इमेज के खिलाफ चलेगा। इससे भविष्य में निवेशक महाराष्ट्र आने से कतराएंगे जिससे रोजगार और निवेश प्रभावित होगा। जनरल मोटर्स ने 2017 में ही भारत में कार बेचना बंद कर दिया था। कंपनी ने भारत में अपने दो प्लांट में से एक चीन की कंपनी एसएआईसी मोटर कॉर्प को बेच दिया और दूसरे प्लांट से एक्सपोर्ट के लिए गाड़ियां बनाना जारी रखा।
जनवरी 2020 में जनरल मोटर्स ने महाराष्ट्र के तालेगांव में स्थित अपना प्लांट चीन की ऑटो कंपनी ग्रेट वॉल मोटर कंपनी को बेचने के लिए डील की थी। लेकिन भारत और चीन के बीच तनाव से यह डील पूरी नहीं हो पाई है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को जल्दी से जल्दी अपना आदेश वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार के फैसले का मतलब है कि हम उस बाजार के लिए गाड़ियों बनाएं जिसमें कोई खरीदार नहीं है या फिर कामगारों को बिना किसी काम के अनिश्चितकाल तक वेतन देते रहें। हम इन दोनों बातों को खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि प्लांट में काम फिर से शुरू नहीं होगा।' इस बीच एक सूत्र ने कहा कि कंपनी प्लांट में काम करने वाले करीब 1500 कर्मचारियों को स्टेटरी सेविरेंस पे से ज्यादा की पेशकश कर रही है। यह राशि उनकी करीब दो साल की सैलरी के बराबर है। इतना ही नहीं कंपनी कर्मचारियों के साथ आगे भी बातचीत के लिए तैयार है।