सिडनी। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ग्रेग चैपल ने टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को लेकर चिंता जतायी है। दिग्गज बल्लेबाज रहे चैपल ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण जिस प्रकार दुनिया भर के क्रिकेट बोर्डों को झटका लगा है उसमें सबसे ज्यादा नुकसान टेस्ट क्रिकेट को ही होने वाला है। उन्होंने कहा कि इसके बाद टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए कम ही बोर्ड सामने आयेंगे। ऐसे में अगर भारतीय बोर्ड (बीसीसीआई) अगर सहायता के लिए आगे नहीं आया तो टेस्ट क्रिकेट का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने साथ ही विश्वास जताया कि महामारी के बाद टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए भारतीय बोर्ड अहम भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट उसी दिन समाप्त हो जाएगा, जिस दिन भारत इसे छोड़ देगा। आजकल छोटे प्रारुपों का दौर हैं और ऐसे में भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के अलावा अन्य देशों के क्रिकेट बोर्ड टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए युवा क्रिकेटरों में न ही निवेश कर रहे हैं और न हीं उन्हें प्रेरित कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि मैं टी-20 के खिलाफ हूं। टी20 की लोकप्रियता को देखते हुए यह तेजी से राजस्व हासिल करने का आसान रास्ता है। वहीं लॉकडाउन के बाद टेस्ट के लिए आर्थिक हालात पहले से भी बदतर होने वाले हैं। भारत में क्रिकेट का जिस प्रकार का जुनून देखा जाता है और भारतीय कप्तान विराट कोहली सहित कई दिग्गज खिलाड़ी टेस्ट को वास्तविक क्रिकेट कहते हैं, इसलिए मुझे उम्मीद है कि भारतीय बोर्ड के प्रयास से टेस्ट क्रिकेट आगे भी चलेगा। चैपल दो साल तक भारतीय टीम के कोच भी रहे हैं पर उनका कार्यकाल विवादों में रहा है।