ताशकंद । उज्बेकिस्तान ने बताया कि जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरा नियंत्रण कर लिया तो उसने 46 अफगान विमानों को अपने हवाई क्षेत्र में 'जबरन लैंडिंग' कराया। सोमवार देर रात जारी एक बयान का हवाला देते हुए, बताया कि अधिकारियों के अनुसार, पिछले सप्ताहांत में सैकड़ों अफगान सैनिक 22 सैन्य विमानों और 24 हेलीकॉप्टरों के साथ उज्बेकिस्तान भाग गए, जिसमें एक विमान एक एस्कॉर्टिंग उज्बेक लड़ाकू जेट से टकरा गया, जिससे दोनों दुर्घटनाग्रस्त हो गए। उज्बेक रक्षा मंत्रालय ने पहले भी कहा था कि सीमा पार करने के बाद एक अफगान सैन्य जेट को मार गिराया गया था। उज्बेक अभियोजक जनरल के कार्यालय ने तुर्की मीडिया आउटलेट के हवाले से एक बयान में कहा, कुल 585 अफगान सैनिक विमान से पहुंचे और 158 और रविवार को पैदल सीमा पार कर गए।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को कहा था, 'तालिबान ने अपनी तलवारों और बंदूकों के इस्तेमाल से जीत हासिल की है और अब वे अपने देशवासियों के सम्मान, संपत्ति और आत्म-संरक्षण के लिए जिम्मेदार हैं।' जैसे ही तालिबान ने राजधानी में प्रवेश किया गनी ने देश छोड़ दिया और जाते-जाते कहा कि वह खून-खराबे से बचना चाहते है। तालिबान ने रविवार को काबुल में प्रवेश किया और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, काबुल पर नियंत्रण पाने के बाद तालिबान नेता दोहा में भविष्य की सरकारी योजनाओं पर चर्चा कर रहे हैं।
अफगानिस्तान की राजधानी में दहशत फैल गई है क्योंकि लोगों को तालिबान के क्रूर शासन में वापसी और प्रतिशोध की हत्याओं के खतरे का डर है। गौरतलब है कि सोमवार को काबुल एयरपोर्ट पर जो कुछ हुआ उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। वहां पर मौजूद भीड़ के बेकाबू होने के बाद चली गोलियों की वजह से पांच लोग मारे गए। इसके अलावा कुछ लोग टेकआफ कर रहे यूएस एयरफोर्स के विमान ग्लोबल मास्टर पर चढ़ने की कोशिश में मारे गए। कुछ टेकआफ करने के बाद ऊंचाई से जमीन पर गिरने की वजह से भी मारे गए हैं।