नई दिल्ली । गलवान
घाटी की घटना
के बाद मोदी
सरकार ने आत्मनिर्भर
भारत का नारा
दिया था। इसके
तहत मोदी सरकार
की ओर से
वोकल फॉर लोकल
की अपील की
गई। हर सेक्टर
में चीन सहित
अन्य देशों पर
निर्भरता कम करने
की अपील अब
रंग ला रही
है। भारत की
बड़ी-बड़ी एफएमसीजी
कंपनियां जैसे कि
हिन्दुस्तान यूनीलीवर,डाबर और
गोदरेज कन्ज्यूमर ने कच्चे
माल के मामले
में चीन पर
निर्भरता घटानी शुरू कर
दी है।
लोकल कंपनियों से खरीद
इन कंपनियों ने अब लोकल कंपनियों से कच्चे माल खरीदना शुरू कर दिया है। एफएमसीजी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम अब लोकल इंपोर्ट पर फोकस कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी पूरी दुनिया का सबसे बड़ा सप्लायर चीन है।इसकारण चीन को रिप्लेस करने में थोड़ा समय जरूर लगेगा।
#बायकॉटचाइना मुहिम रंग लाई
दशकों से चीन ग्लिसरीन, कलरिंग एजेंट्स, हर्बल एक्सट्रैक्ट, पैकेजिंग प्रॉडक्ट का लीडर रहा है। स्किन केयर, बाथ एंड बॉडी प्रॉडक्ट का भी बड़े पैमाने पर निर्यात करता है। दो महीने पहले गलवान घाटी घटना के बाद एंटी चाइना सेंटिमेंट में तेजी आने लगी। चीन पर निर्भरता कम करने को लेकर# बायकॉटचाइना मुहिम रंग लाई है।
यूनीलीवर चीन पर निर्भरता घटाएगी
जुलाई में एक अन्य एफएमसीजी कंपनी ने कहा कि वह चीन पर अपनी निर्भरता कम करेगी। कंपनी के वारिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी चीन से सालाना 429 करोड़ का कच्चा सामान और पैकिंग मटीरियम आयात करती है। अब हमारा फोकस धीरे-धीरे इस घटाने पर है।