दूसरे जिलों से भी आने लगी मांग
सबीरा बताती हैं कि उन्होंने कुछ लोगों को पौधे बेचना शुरू किए। धीरे-धीरे दूसरे जिलों से भी मांग आने लगी और उन्हें भी पौधे कूरियर करना शुरू कर दिया। इसके बाद उनके पति मोहम्मद मूसा ने उन्हें थाईलैंड से ऑर्किड के पौधे मंगाने को कहा। थाईलैंड दुनिया का सबसे बड़ा ऑर्किड निर्यातक है। इस फूल की लगभग 1300 प्रजातियां मिलती हैं।
कई देशों से मंगाए पौधे
छत भरने के बाद सबीरा ने एक एकड़ जमीन पर अपनी पहली नर्सरी बनाई। उन्होंने बाद में चीन, ताइवान और दूसरे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से ऑर्किड के पौधे आयात करना शुरू कर दिए। सबीरा ने पलक्कड़ जिले के कोझिनजम्पारा में दो एकड़ में दूसरी नर्सरी भी बनाई है और अपने बिजनेस का नाम पर्ल ऑर्किड रखा है। सबीरा अपनी दो नर्सरियों में डेंड्रोबियम, कैटलियस, वंडास, ऑन्सीडियम, पैफियोपेडिलम, बल्बोफिलम और फेलेनोप्सिस सहित ऑर्किड की 600 से ज्यादा किस्में उगाती हैं।
पूरे देश में होती है सप्लाई
आज सबीरा पूरे देश में ऑर्किड और दूसरे सजावटी पौधे बेचती हैं। वह हर महीने 5 हजार से 7 हजार पौधे बेचती हैं। इससे उन्हें 4 लाख से 5 लाख रुपये के बीच कमाई होती है। वह बताती हैं कि उनकी कंपनी करीब 50 रुपये प्रति ऑर्किड के हिसाब से पौधे आयात करती है और उन्हें किस्म के आधार पर 80 से 100 रुपये में बेचती है। अगर पौधा बड़ा है तो उसके आकार और उम्र के आधार पर यह 250 से 350 रुपये प्रति पीस बिकते हैं।