नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए सभी चौपहिया गाड़ियों के लिए 1 जनवरी से फास्टैग को अनिवार्य करने का फैसला किया था। लेकिन सरकार अब इस समयसीमा को आगे बढ़ा सकती है। जानकारी के मुताबिक इसकी तारीख एक महीने बढ़ाई जा सकती है। इसकी वजह ये है कि अभी भी कई वाहन चालक कैश में टोल टैक्स दे रहे हैं। मौजूदा समय में फास्टेग के जरिए कलेक्शन 75-78 फीसदी के आसपास है। अधिकारी ने कहा कि नकदी लेनदेन भी कानूनी तरीका है। किसी को भी नकदी लेनदेन से नहीं रोका जा सकता है। लिहाजा बेहतर विकल्प यही है कि एमवी रुल को सख्ती से लागू करना होगा जिससे वैलिड फास्टेग अनिवार्य हो जाएगा। फास्टैग को अनिवार्य किए जाने के बाद टोल प्लाजा पर वाहनों को रुकना नहीं पड़ेगा और टोल शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से हो जाएगा।
फास्टैग की शुरुआत 2016 में हुई थी और चार बैंकों ने उस साल सामूहिक रूप से एक लाख टैग जारी किए थे। उसके बाद 2017 में सात लाख और 2018 में 34 लाख फास्टैग जारी किए गए। मंत्रालय ने इस साल नवंबर में अधिसूचना जारी कर एक जनवरी, 2021 से पुराने वाहनों या एक दिसंबर, 2017 से पहले के वाहनों के लिए भी फास्टैग को अनिवार्य कर दिया। केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार 1 दिसंबर, 2017 से नए चार पहिया वाहनों के पंजीकरण के लिए फास्टैग को अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा परिवहन वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र के लिए संबंधित वाहन का फास्टैग जरूरी है। राष्ट्रीय परमिट वाले वाहनों के लिए फास्टैग को एक अक्टूबर, 2019 से अनिवार्य किया गया है।