रियाद । भारत और खाड़ी देशों में सबसे ताकतवर मुल्क सऊदी अरब की नौसेना के बीच पहली बार युद्धाभ्यास शुरु हो गया है। युद्धाभ्यास ऐसे समय होने जा रहा है, जब दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध नई ऊंचाई को छू रहे हैं। यह युद्धाभ्यास 2019 में होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से इसे टाल दिया गया था।
अब तक पाकिस्तानी सेना के करीबी रहे सऊदी अरब के भारतीय नौसेना के साथ नजर आने पर इमरान सरकार की टेंशन बढ़ना तय माना जा रहा है। अल मोहेद अल हिंदी 2021 अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए भारतीय नौसेना का गाइडेट मिसाइल डेस्ट्रायर आईएनएस कोच्चि सऊदी अरब पहुंच गया है। इसी युद्धपोत ने अभी संयुक्त अरब अमीरात की नौसेना के साथ अबूधाबी के तट पर युद्धाभ्यास किया था। अल मोहेद अल हिंदी 2021 का बंदरगाह पर अभ्यास सोमवार को ही शुरू हो गया था, लेकिन समुद्र आधारित अभ्यास बुधवार से शुरू हुआ है।
इस युद्धाभ्यास में भारतीय युद्धपोत आईएनएस कोच्चि हिस्सा ले रहा है। जब यह युद्धपोत सऊदी अरब के जुबैल बंदरगाह पर पहुंचा तो उसका सऊदी अरब की नौसेना ने जोरदार स्वागत किया। खाड़ी क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल के बीच हो रहे इस यु्द्धाभ्यास पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
हाल के दिनों में भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा संबंध लगातार मजबूत हुए हैं। पिछले साल दिसंबर महीने में भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने पहली बार किसी भारतीय सेना प्रमुख के रूप में यूएई और सऊदी अरब की यात्रा की थी। जनरल नरवणे की इस यात्रा के बाद पाकिस्तान चौकन्ना हो गया था और प्रधानमंत्री इमरान खान विपक्ष के निशाने पर आ गए थे।
इस बीच, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता शाहिद अब्बासी ने विदेश नीति को लेकर इमरान खान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब हमारा अहम सहयोगी रहा है, लेकिन हाल के दिनो में जिस तरह वह पाकिस्तान से दूर जा रहा है यह चिंता की बात है। उन्होंने कहा सऊदी अरब भारत के साथ संबंध रखे या न रखे, यह उनका निजी मामला है, लेकिन हमारे संबंध उससे अच्छे बने रहने चाहिए।