सोशल डिस्टेंसिंग में कर सकती है अहम भूमिका अदा
लंदन। लाकडाउन खुलने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो या फिर भीड़भाड़ से बचना, इसमें साइकल एक अहम भूमिका अदा कर सकती है। साइकल से दफ्तर जाने के मामले में ब्रिटेन अपने यूरोपीय पड़ोसियों की तुलना में पिछड़ा हुआ है। अब यहां पर 250 मिलियन पाउंड खर्च करके पिछले सप्ताह इमर्जेंसी ऐक्टिव ट्रैवल फंड बनाया गया ताकि लोगों को साइकल से काम पर जाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। उधर, फ्रांस जहां दुनिया की सबसे चर्चित साइकल रेस होती है, यहां सरकार 20 मिलियन यूरो खर्च करने की तैयारी करने में जुट गई है। दरअसल, यहां सरकार का प्रयास है कि साइकल से यात्रा के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाए। यही नहीं, सब्सिडी देकर ब्रिटेन की तर्ज पर टेम्पररी साइकल लेन बनवाई जाएं ताकि लोगों को सहूलियत हो। नीदरलैंड के ऐम्स्टर्सडम और नॉर्दन यूरोप के कई शहरों में साइकल से आने-जाने की व्यवस्था है। हालांकि, अन्य देशों में इसका उतनी बेहतर तरीके से प्रयोग नहीं होता है, जिसकी वजह से इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी भी है। इन सबके इतर कोरोना वायरस की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग एक चुनौती के रूप में उभरा है। इसको देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि साइकल बनाने वाली कंपनियों के बिजनस में तेजी से बढ़ोतरी होगी। वैनमूफ वैश्विक रूप से इलेक्ट्रिक साइकल का व्यापार करती है। इसकी बिक्री में फरवरी अंत से मार्च के बीच तक 48 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यही नहीं, ब्रिटेन की बात की जाए तो फरवरी की शुरुआत से अप्रैल के अंत तक सेल में 184 प्रतिशत की उछाल दर्ज की गई है। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से दुनिया को लॉकडाउन का सामना करना पड़ा है। अब कई देशों में लॉकडाउन को धीरे-धीरे खोला जा रहा है। ऐसे में वहां की सरकारों पर यह जिम्मेदारी भी है कि बसों और ट्रेनों की भीड़भाड़ से कैसे छुटकारा पाया जाए ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सके। इस दिशा में यूरोपीय देश भी प्लान बनाने में जुट गए हैं।