ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का दावा
लंदन। ब्रिटेन में वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि महामारी के कारण हजारों और लोगों की जान जा सकती हैं। अध्ययन में कहा गया है कि अगर महामारी पर काबू नहीं पाया गया, तो इस साल के अंत तक ब्रिटेन में मरने वालों की संख्या एक लाख तक हो सकती है। उधर, एक अन्य अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना वायरस और इसके लिए लॉकडाउन जैसे उठाए गए कदमों के कारण ब्रिटेन में सात लाख लोगों की मौत हो सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के अध्ययन के अनुसार ब्रिटेन में सात लाख लोग इस जानलेवा वायरस से जान गंवा सकते हैं। यह संख्या द्वितीय विश्व युद्ध में हुई मौतों से भी ज्यादा है।
अध्ययन में कहा गया है कि मंदी, गरीबी और लापरवाही की स्थिति में यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि बिना वैक्सीन के ब्रिटेन को कोविड-19 को हराने के लिए 2024 तक सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से मंदी भी आ सकती है। ऐसे में कोरोना वायरस, खराब स्वास्थ्य प्रणाली और गरीबी की वजह से पांच साल में 6.75 लाख लोगों की मौत हो सकती है। ब्रिटेन में पिछले 24 घंटे में 4000 से अधिक कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले आए हैं। इसके साथ ही यह संख्या 2 लाख 19 हजार से अधिक हो चुकी है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनकी एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें जॉनसन लंदन के सेंट जेम्स पार्क में खड़े दिख रहे हैं और पार्क में टहलने वाला एक शख्स उनकी ओर इशारा करता दिख रहा है। हावभाव से वह गुस्से में लग रहा है, लेकिन ब्रिटिश पीएम शांति से उनकी बातों को सुन रहे हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना लॉकडाउन खत्म करने के लिए तीन चरणों वाले एक अंतरिम ‘एग्जिट प्लान’ को पेश किया है। पीएम जॉनसन के इस ऐलान ने लोगों के भ्रम को बढ़ा दिया है, जिससे लोग काफी नाराज हैं। बोरिस जॉनसन ने जो एग्जिट प्लान पेश किया है, उसके मुताबिक लोग अपने परिवार के सदस्यों से नहीं मिल सकते हैं, लेकिन काम के दौरान अपने सहकर्मियों से मिल सकते हैं। बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस से पिछले 24 घंटे में 269 लोगों की मौत हुई है। यह संख्या पिछले छह सप्ताह में सबसे कम है। अभी तक कोरोना महामारी से ब्रिटेन में 31,855 लोगों की मौत हो चुकी है।