नई दिल्ली । कोरोना के चलते बेपटरी हो चुकी देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग क्षेत्र में भारी निवेश की योजना बना रही है। केंद्र सरकार लॉकडाउन समाप्त होने के बाद प्रस्तावित 22 सुपर एक्सप्रेस-वे और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य तेजी से शुरू करेगी। इससे सड़क निर्माण कंपनियों को ऑक्सीजन और मजदूरों को काम मिलेगा। वहीं जनता को प्रमुख शहरों के बीच तेज, सुगम व वैकिल्पक सड़क मार्ग मिलेगा।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आगामी 2 वर्षों में 15 लाख करोड़ का निवेश करने की घोषणा की है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के अलावा सरकार का फोकस प्रस्तावित 22 सुपर एक्सप्रेस-वे और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस को तय लक्ष्य में पूरा करने पर है। एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं को पृथक पैकेज मे बांट दिया है। इसके कुछ पैकेज के काम पूरे हो गए हैं और शेष पैकेज का मूल्यांकन कर टेंडर प्रक्रिया लॉकडाउन के बाद शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 22 एक्सप्रेस-वे की लागत 3.25 लाख करोड़ रु है। इससे देशभर में 7500 किलोमीटर वैकल्पिक सड़क मार्ग तैयार हो जांएगे। इससे लोग तेज, सुरक्षित और सुगम सफर कर सकेंगे। इससे प्रदूषण में कमी आएगी और वाहनों की आयु अधिक होगी। अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-मुंबई के अलावा अंबाला-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे के आठ पैकेज में से पांच का काम आवंटित हो गया है। अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे के 27 पैकेज में से 11 के काम आवंटित हुए। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के एक पैकेज का काम पूरा जबकि शेष पर निर्माण कार्य शुरू हो गया है। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे परियोजना का मूल्यांकन किया जा रहा है। संगरिया-संचोर-संथालपुर एक्सप्रेस-वे (982 किमी), बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेस-वे 350 किलोमीटर, हैदराबाद-वियजवाड़ा-अमरावती एक्सप्रेस-वे आदि की टेंडर प्रक्रिया लॉकडाउन समाप्त होने के बाद शुरू होगी।