ढाका । बांग्लादेश के खुलना जिले में कट्टरपंथियों की भीड़ ने एक मौलाना के उकसावे पर 50 से ज्यादा हिंदुओं के घरों पर हमला कर दिया। इस दौरान भीड़ ने कम से कम चार मंदिरों में भी तोड़फोड़ की। हाल के दिनों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले बहुत बढ़ गए हैं। खास कर जब से, हिफ़ाज़त-ए-इस्लाम जैसे संगठनों का बांग्लादेश में उदय हुआ है, तब से ऐसी घटनाओं में भारी बढ़ोतरी देखी गई है।
मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अपनी ढाका यात्रा के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार शाम खुलना जिले के सियाली गांव में स्थानीय मस्जिद के एक मौलवी ने एक हिंदू धार्मिक जुलूस का विरोध किया। इसके बाद कट्टरपंथियों की भीड़ आक्रोशित हो गई और शनिवार शाम को गांव के हिंदू घरों पर हमला कर दिया। हिंदू घरों पर हमला करने वाली भीड़ में आसपास के गांवों के मुस्लिम नागरिक शामिल थे, जिन्होंने हमले के दौरान कुल्हाड़ी और दूसरे हथियारों का इस्तेमाल किया।
हमले का विरोध करने पर कई लोगों को पीटा गया। बताया जाता है कि साम्प्रदायिक हमले में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, हालांकि अब तक किसी के मारे जाने की खबर नहीं है। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। स्थानीय पुलिस ने हिंदू मंदिरों, घरों और दुकानों में तोड़फोड़ किए जाने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज करके 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि शनिवार शाम करीब 100 हमलावर गांव पहुंचे। उन्होंने घरों में तोड़फोड़ की और चार मंदिरों को उजाड़ दिया। उन्होंने गांव में स्थित हिंदू समुदाय की छह दुकानों और मकानों को भी नुकसान पहुंचाया।
सन 2011 की संघीय जनगणना के अनुसार, बांग्लादेश की 14 करोड़ 90 लाख जनसंख्या में करीब 8.5 फीसदी लोग हिंदू हैं। बांग्लादेश के खुलना जिले में हिंदुओं की आबादी लगभग 16 फीसदी है, जो राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। इस घटना पर भारत में भी नाराजगी जताई गई है। विश्व हिंदू परिषद ने हमले को अंजाम देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।