सिंगापुर। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लुंग ने कहा कि यह दावा बेबुनियाद है कि बहु-नस्ली सिंगापुर में चीनी नागरिकों को विशेषाधिकार हासिल हैं। उन्होंने कहा कि उनका देश सभी नस्ल के लोगों के साथ समानता का व्यवहार करता है। उन्होंने कहा कि सिंगापुर देश में नस्ल के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि हालांकि नस्लीय सद्भाव दशकों की शांति के बाद पक्की मानी जा रही है, लेकिन कुछ चीनी सिंगापुरी को इस बात का अहसास नहीं है कि नस्लीय अल्पसंख्यक कैसा महसूस करते हैं। ली ने राष्ट्रीय दिवस रैली के अवसर पर दिए भाषण में दो क्षेत्रों का जिक्र किया जहां जातीय अल्पसंख्यकों को निरंतर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ये दो क्षेत्र हैं मकान किराए पर देना और नौकरी की खोज। ये दो मुद्दे हैं, जो सीधे नस्ली रिश्तों को प्रभावित करते हैं।
उन्होंने कहा कुछ मकान मालिकों एवं नियोक्ताओं द्वारा ऐसी वरीयता से पूर्वाग्रह पैदा हो सकता है। इस भेदभाव का यदि समय पर समाधान नहीं किया गया तो सिंगापुर के समाज में धीरे-धीरे दरारें गहरा सकती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए हम सभी को अधिक समावेशी समाज के निर्माण के लिए नस्लीय समानता के सिद्धांत को अक्षुण्ण बनाए रखना होगा।
उन्होंने कहा कि कुछ नस्ल संबंधी घटनाओं से पिछले कुछ महीनों में एक नई बहस को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि पहले भी कभी- कभी ऐसी घटनाएं हुईं हैं, लेकिन उन पर अधिक ध्यान नहीं गया। अब सोशल मीडिया के जमाने में उन्हें बढ़ाचढ़ाकर पेश किया जाने लगा है। इससे विभिन्न नस्लों लोगों के पारस्परिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं। ली ने कहा कि सौभाग्यवश सिंगापुर के ज्यादातर लोग नस्लीय सद्भाव के महत्व को समझते हैं। लोगों ने समय समय पर इसके विरुद्ध आवाज उठाई है और नस्लीय भेदभाव खारिज करने की पहल की है।