नई दिल्ली । वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच चल रही खींचतान भले ही कम हो गई है, पर चीनी सेना अभी भी वहीं डटी है। पैंगॉन्ग और गोगरा इलाके में अभी भी चीनी सेना पीछे नहीं गई है। हालांकि, जवानों की तैनाती में कमी की गई है, लेकिन अभी भी दोनों देशों के जवान जमे हुए हैं। एक पखवाड़े से फिंगर एरिया में कोई बदलाव नहीं आया है।
चीनी सेना अभी भी फिंगर-4 के रिज एरिया में डटी हुई है। वह फिंगर-4 से पीछे हटकर फिंगर-5 पर अपने लाव-लश्कर के साथ मौजूद हैं। हालांकि, गलवान और हॉट स्प्रिंग एरिया में दूसरे राउंड का डिसएंगेजमेंट पूरा हो गया है। दोनों देशों की सेनाओं ने अपने जवानों को पीछे बुला लिया है।
कल ही चीन ने दावा किया था कि विवादित क्षेत्रों में से ज्यादातर में उसकी पीछे हटने (डिसएंगेजमेंट) की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। वहां के सरकारी अखबार ने चीनी विदेश कार्यालय को हवाले से लिखा है कि पीपी 14, 15 और 17 ए से डिसएंगेजमेंट का काम पूरा हो चुका है।
अखबार ने दावा किया कि पैंगॉन्ग झील के फिंगर क्षेत्र में डिसएंगेजमेंट अभी नहीं हुआ है। दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच जल्द ही बातचीत का एक और सिलसिला शुरू होने वाला है। चीन ने उम्मीद जताई कि भारत इस आधे रास्ते से काम पूरा करेगा और आम सहमति बनाएगा।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक रूटीन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि स्थिति अब सुगम और शांत होने की दिशा की ओर है। उन्होंने आगे कहा कि कमांडर-स्तरीय वार्ता के पांचवें दौर में शेष मुद्दों को हल करने की तैयारी की जा रही है। कमांडर-स्तरीय वार्ता के 4 दौर और सीमा संबंध चर्चा और समन्वय पर 3 बैठकें हो चुकी हैं।