लंदन । हिंद महासागर में ब्रिटेन की रॉयल नेवी का एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ अपने स्ट्राइक ग्रुप के साथ दाखिल हो चुका है। इसके बाद चीन की बेचैनी बढ़ गई है। ब्रिटिश एयरक्राफ्ट करियर के साथ डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट, पनडुब्बी और माइन स्वीपर जहाजों का पूरा बेड़ा मौजूद है। यह पहली बार हुआ है कि ब्रिटेन ने हिंद महासागर में अपने सबसे बड़े युद्ध पोत की तैनाती की है। यह एयरक्राफ्ट करियर भारतीय नौसेना के साथ इलाके में युद्धाभ्यास भी करेगा। इसके बाद यह दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और जापान की नौसेना के साथ भी युद्धाभ्यास करने की योजना है। ब्रिटेन के इस कृत्य से चीन की दिक्कतें बढ़ गई है।
यह एयरक्राफ्ट कैरियर 280 मीटर लंबा है। इसका वजन 65 हजार टन है। इतना भारी होते हुए भी यह यह एयरक्राफ्ट कैरियर 59 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकता है। एलिजाबेथ पर 1600 नौ सैनिकों को तैनात किया जा सकता है। इसमें 250 कमांडो शामिल हैं। इसमें लॉन्ग रेंज रडार लगा हुआ है, जो 400 किमी की दूरी से ही दुश्मनों के जहाजों का पता लगा सकता है।इसके अलावा मीडियम रेंज के रडार लगा हुआ है, जो 200 किमी की दूरी तक एक बार में 900 लक्ष्यों को साध कर सकता है। यह 3डी रडार 3 मैक की स्पीड से उड़ने वाले चिड़िया या टेनिस बॉल के आकार के लक्ष्य को भी पहचान सकता है।एलिजाबेथ एयरक्राफ्ट कैरियर एक बार में 65 से ज्यादा विमानों को लेकर सफर करने में सक्षम है। इसमें फ्लाइट डेक के नीचे कुल नौ डेक हैं। इन डेक में लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर्स और दूसरे हथियारों को रखा जाता है।
इन जहाजों को फ्लाइट डेक पर लाने के लिए एयरक्राफ्ट कैरियर में दो लिफ्ट लगी हुई हैं। इस स्टाइकर समूह में एफ-35बी लाइटनिंग फाइटर जेट के दो स्क्वाड्रन तैनात हैं,इनकी संख्या 36 है।इस दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमानों में गिना जाता है। इसके अलावा समुद्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने के लिए 14 हेलिकाप्टर भी तैनात रहते हैं। इसमें हैवी ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर चिनूक, अटैक हेलिकॉप्टर अपाचे भी शामिल हैं।
इस एयरक्राफ्ट कैरियर के स्ट्राइक ग्रुप में दो टाइप 45 श्रेणी के डिस्ट्रॉयर, दो टाइप 23 फिग्रेट, दो टैंकर और हेलिकॉप्टर्स का बेड़ा शामिल है। यह आंशका है कि इसके चीन के नजदीक युद्धाभ्यास करने से दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा सकता है। यह संकेत हैं कि युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया और कनाडा को भी सम्मिलित हो सकते हैं। बता दें कि इन दोनों देशों से भी चीन के संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।
उधर, ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमिनिक रॉब ने कहा कि इस स्ट्राइक ग्रुप की तैनाती भारत और इंडो पैसिफिक में सहयोगियों के साथ रक्षा संबंध के एक नए युग की शुरुआत है। ब्रिटेन ने कहा कि एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ की तैनाती भारत के साथ और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गहरे राजनयिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधों के लिए देश की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है।