नई दिल्ली । केन्द्रीय उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने पुनर्गठित प्रधानमंत्री लोक प्रशासन उत्कृष्टता पुरस्कार योजना, 2020 और वेब पोर्टल को लॉन्च किया, जिसमें पहली बार नमामि गंगे कार्यक्रम में जिला स्तर के अधिकारियों के प्रयासों को मान्यता दी जाएगी। डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नागरिकों की भागीदारी वाले प्रशासनिक मॉडल की तर्ज पर इस योजना में बदलाव किया है। अधिकतम प्रशासन, न्यूनतम सरकार” का मंत्र नागरिक भागीदारी और नागरिक केन्द्रीयता के बिना अधूरा है। पारदर्शिता और विश्वसनीयता इसकी कसौटी हैं। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 14 दिसंबर, 2019 को कानपुर में हुई राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री लोक प्रशासन उत्कृष्टता पुरस्कार योजना के अंतर्गत गंगा जिलों के लिए “गंगा के कायाकल्प में अच्छा प्रदर्शन” पुरस्कार शुरू करने का फैसला लिया था। प्रधानमंत्री ने जिला गंगा समितियों (डीजीसी) के कामकाज को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और डीजीसी के प्रदर्शन की बारीकी से समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय से लेकर जिला स्तर तक और आखिर में क्षेत्रीय स्तर तक समान सोच कायम करने की जरूरत है। यह सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारियों को अहम भूमिका निभानी है। भारत सरकार द्वारा 7 अक्टूबर, 2016 को अधिसूचित पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत जिला गंगा समिति (डीजीसी) सबसे ज्यादा अनोखी विशेषता है, जो गंगा नदी की प्रदूषण उन्मूलन की समस्या के समाधान के लिए जिला स्तर पर एक तंत्र तैयार करती है।
भारत सरकार ने केन्द्र और राज्य सरकारों के जिलों/ संगठनों द्वारा किए गए असाधारण और नवीन कार्यों को स्वीकार करने, पहचान देने और पुरस्कृत करने के लिए वर्ष 2006 में “प्रधानमंत्री लोक प्रशासन में उत्कृष्टता पुरस्कार” की शुरुआत की थी। प्राथमिकता कार्यक्रमों, नवाचारों और आकांक्षी जिलों में जिलाधिकारियों के प्रदर्शन को मान्यता देने के लिए वर्ष 2014 में इस योजना का पुनर्गठन किया था और फिर वर्ष 2020 में जिलों में प्रदर्शन केन्द्रित समग्र नतीजों के लिए चिह्नित क्षेत्रों की पहचान के लिए पुरस्कार की संभावनाओं का विस्तार किया है।