नई दिल्ली । पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में कट्टरता इस कदर हावी है कि ऐतिहासिक प्रतिमाओं को भी बबरता के साथ नष्ट करने से गुरेज नहीं किया जा रहा है। खैबर पख्तूनख्वा में घर के निर्माण के दौरान गौतम बुद्ध की एक प्राचीन प्रतिमा मिली थी। मूर्ति को गैर इस्लामिक बताते हुए तोड़ दिया गया था। अब इस मामले में स्थानीय पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐतिहासिक मूर्ति को मौलवी के ऑर्डर पर तोड़ा गया था। पुलिस ने पुरातनता कानून के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है और चार संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारी जहिदुल्लाह ने बताया, 'कंस्ट्रक्शन वर्कर्स पानी की लाइन खोद रहे थे। इस दौरान वर्कर्स को ये प्रतिमा मिली थी। हमने इस मामले में कॉन्ट्रैक्टर कमर जमन और उसके वर्कर्स अमजद, अलीम और सलीम को गिरफ्तार कर लिया है। मूर्ति के कुछ टूटे हुए हिस्से भी उनके पास से हमें मिले हैं।'
ये गिरफ्तारी वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हुई है। वीडियो में कुछ लोग हथौड़े से मूर्ति को तोड़ते हुए नजर आ रहे थे। टूरिज्म विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वीडियो के अथॉरिटी के सामने आते ही इस मामले की सूचना पुलिस को दी गई और अपराधियों के खिलाफ तुरंत एक्शन लेने के लिए कहा गया। ये कोई पहली बार नहीं है। इससे पहले गिलगित-बाल्टिस्तान में बौद्ध स्मारक पर तोड़फोड़ किए जाने की खबर सामने आई थी। इस पूरी घटना पर भारत ने पाकिस्तान के समक्ष ऐतराज जताया था। भारत ने कहा था कि पाकिस्तान प्राचीन सभ्यता और सांस्कृतिक धरोहरों पर हमले रोके। भारत की ओर से ये भी कहा गया था कि पाकिस्तान जितनी जल्दी हो सके, वह इलाका खाली कर दे।