काबुल । अफगानिस्तान में शांति का एक नया युग लाने के वादे के साथ तालिबान ने सत्ता पर एक बार फिर से कब्जा कर लिया है। तालिबान के साथ पिछले शासनकाल की वे भयावह यादें भी जुड़ी हैं, जो लोगों को आज भी टीसती रहती हैं। तालिबान के वापस आने से सबसे ज्यादा महिलाएं भयभीत हैं। उन्हें लगता है कि बीते सालों में मिले अधिकार उनसे छीन लिए जाएंगे। महिलाओं में पैदा हुए इस डर का अंदाजा अफगानिस्तान में बढ़ी बुर्के की कीमतों से लगाया जा सकता है।
तालिबान शासन में महिलाओं को बुर्का पहनना अनिवार्य है। देश में तालिबान की वापसी के साथ ही महिलाएं बुर्का खरीदने के लिए दुकानों की ओर दौड़ रही हैं। अफगानिस्तान में बुर्के की कीमतें 10 गुना बढ़ गई हैं। पहले के तालिबान शासन के दौरान, महिलाओं को अपने शरीर और चेहरे को बुर्का में ढंकना पड़ता था, और उनका स्कूल और काम पर जाना भी मना था। उनके पुरुष रिश्तेदार के बिना घर से बाहर निकलने पर भी रोक थी।
तालिबान की वापसी के साथ ही महिलाओं ने बुर्का पहनना फिर से शुरू कर दिया है जिसके चलते काबुल में बुर्के की कीमतें आसमान छू रही हैं। काबुल की एक महिला ने कहा कि उसके घर में एक-दो बुर्के हैं, जिन्हें वह खुद, उसकी बहन या उसकी मां पहनते हैं। अगर हमारे पास बुर्का नहीं है, तो हमें इसे बड़ा स्कार्फ बनाने के लिए एक बेडशीट या कुछ और लेना होगा। हालांकि तालिबान ने मंगलवार को इस्लामी कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का वादा किया है। इसके साथ ही उन्होंने अपना विरोध करने वालों को भी माफी देने तथा सुरक्षित अफगानिस्तान सुनिश्चित करने का वायदा किया है।