लंदन । ब्रिटिश सरकार ने बताया कि ऑपरेशन वार्म वेलकम के तहत अफगानिस्तान में फंसे ब्रिटिश नागरिकों व पात्र अफगानी शरणार्थियों को सुरक्षित निकालने के लिए तालिबान से बातचीत की जा रही है। इसके अलावा ब्रिटेन की तरफ से अपने राजनयिकों की मदद के लिए पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान व ताजिकिस्तान में 15 क्राइसिस रेस्पॉन्स स्पेशियलिस्ट भेजे गए हैं। ब्रिटिश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस ऑपरेशन का लक्ष्य खासतौर पर उन लोगों को निकालना है जो ब्रिटिश नागरिक, अनुवादक व ब्रिटेन के कर्मचारी रहे हैं। अफगानिस्तान ट्रांजिशन मसले पर प्रधानमंत्री के विशेष प्रतिनिधि सिमॉन गैस तालिबान के प्रतिनिधियों से दोहा में बात कर रहे हैं। यह कदम 31 अगस्त की समय सीमा बीतने के बाद उठाया गया है। फिलहाल, तालिबान निकासी की अनुमति देने के लिए सहमत हो गया है। इससे पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि वे अफगानिस्तान में सैनिकों के साथ काम करने वालों के कर्जदार हैं और उन्हें व उनके परिवारों को ब्रिटेन में नई जिदंगी शुरू करने में मदद देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
वहीं, ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल ने बताया कि जिन अफगानियों ने ब्रिटिश सेना व सरकार के साथ अफगानिस्तान में काम कर अपनी जिंदगी दांव पर लगाई थी, फिलहाल उन्हें आईएलआर यानी अनिश्चितकाल के अवकाश पर रखा जाएगा। ये लोग किसी समय सीमा के प्रतिबंध के बिना ब्रिटेन में रह सकेंगे। इसके अलावा पटेल ने बताया कि जिन्हें अफगानिस्तान रिलोकेशन एंड एसिस्टेंस पॉलिसी के तहत ब्रिटेन लाया गया है वे फिलहाल पांच वर्ष तक निश्चिंत होकर ब्रिटेन में रह सकते हैं, उन्हें बाद में आईएलआर के तहत रहने के लिए आवेदन का मौका भी दिया जाएगा। यह दोनों ही तरीके विस्थापितों को ब्रिटिश नागरिकता हासिल करने में में भी मददगार बनेंगे। इसके अलावा सरकार ने 12 मिलियन पाउंड विस्थापितों के बच्चों की शिक्षा के लिए जारी किए हैं। बाद में स्नातक व स्नातकोत्तर के 300 छात्रों को ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति भी मुहैया कराई जाएगी। इसके साथ ही वयस्क भी विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी साहित्य के पाठ्यक्रमों में बिना फीस के दाखिला ले सकेंगे। वहीं, बिटेन के स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि सरकार ने अफगानी लोगों की सेहत के लिए तीन मिलियन पाउंड की व्यवस्था की है। दूसरी तरफ अफगान पुनर्वास मंत्री विक्टोरिया एटकिंस कहती हैं कि ऑपरेशन वार्म वेलकम पूरी सरकार के स्तर पर किया जा रहा बड़ा प्रयास है, ताकि विस्थापितों को ब्रिटेन में नई जिंदगी शुरू करने के काबिल बनाया जा सके।